शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री और बीजेपी विधायक राकेश पठानिया की बीच sK मुद्दे को लेकर नोक-झोंक हो गई। बात यहां तक आ पहुंची कि सीएलपी अग्निहोत्री ने राकेश पठानिया को ये तक कह डाला कि हम कांगड़ा में आए हैं तो आपकी बदमाशी है। बाद में स्पीकर ने अपनी कुर्सी से उठकर मामला शांत करवाया और अग्निहोत्री को अपने मुद्दे पर बने रहने की बात कही।
दरअसल, प्रश्नकाल में विपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री ने आईपीएच मंत्री से पूछा कि स्वां तटीकरण प्रोजेक्ट में केन्द्र से कितनी राशि प्राप्त हुई और अब तक कितनी राशि व्यय हो चुकी है…?? जवाब में आईपीएच मंत्री महेंद्र ठाकुर ने बताया कि 3 अक्टूबर 2013 को 922.49 स्वीकृत हुई। परियोजना के अंतर्गत स्वां नदी सहित 22 सहायक खड्डों के तटीकरण के लिए अक्टूबर 2018 तक 446.06 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके है। इसमें से 169.210 करोड़ हिमाचल सरकार ने जबकि 276.851करोड़ केन्द्र ने जारी कर दी है।
इसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि अनुराग ठाकुर के कहने पर केन्द्र ने तटीकरण का पैसा रोक लिया इसके ऊपर राजनीति हो रही है। एम्स को लटकाया गया सेंट्रल यूनिवर्सिटी मामला लटक गया है। इस मुद्दे पर सदन गरमा गया और दोनों ओर से खूब बहस हुई तथा विपक्ष के नेता और राकेश पठानिया के बीच तीख़ी नोक-झोंक हो गई। इस गहमागहमी के बीच चुनावी परिणामों पर भी कांग्रेस ने नेता ने चुटकी ली और कहा कि बीजेपी राज्यों से जा रही है मंत्री उत्तर तो सही दें।
वहीं, इस पर मुख्यमंत्री को भी दख़ल देना पड़ा और मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सालों के बाद कांग्रेस के लिए अच्छा दिन आया है। यहां तथ्य सहित जवाब दिए जा रहे हैं। बाबजूद इसके इस तरह की बहस और राजनीति सही नहीं है।
बसों को लेकर बीजेपी विधायक ने पूछा सवाल
दूसरा सवाल नूरपुर के बीजेपी विधायक राकेश पठानिया ने परिवहन मंत्री से पूछा कि पिछले पांच साल में कितने बसें ख़रीदी गई इसके लिए कितना लोन लिया गया। इसका ब्याज कितना दिया जा रहा है। बसों की क्वालिटी व एवरेज कितनी है। जवाब में परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने बताया कि पिछले पांच वर्ष में 2101 बसें ख़रीदी इनमे से 1295 बसें HRTC ने खरीदीं, जबकि 806 बसें HPCT BSM & DA द्वारा ख़रीदी गई। इसके लिए 260.50 करोड़ रुपया लोन लिया गया। इनमे विभिन्न बैंकों से 11.25 से लेकर 9.25 फ़ीसदी ब्याज है। बसों की क़्वालिटी मानकों पर आधारित है।
उनके जवाब से असंतुष्ट राकेश पठानिया ने कहा कि बसों की क़्वॉलिटी अच्छी नहीं है। गियर फंसते है एवरेज भी बहुत कम है। कई बसें क्यों खड़ी है। इस बार श्वेत पत्र लाया जाए। इस पर गोविन्द ठाकुर ने कहा कि जो बसे ख़रीदी गई ये बसे हिमाचल की भोगौलिक परिस्थितियों के हिसाब से सही नहीं थी। 325 बसों में से 140 चला दी हैं जबकि 185 अभी भी खड़ी है।