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करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की CBI की शिमला ब्रांच करेगी जांच

समाचार फर्स्ट |

बहुचर्चित 250 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई की शिमला ब्रांच करेगी। सरकार ने हिमाचल पुलिस की अब तक की जांच रिपोर्ट भी सोमवार को सीबीआई को भेज दी है। इसमें जांच को ट्रांसफर करने के कारण भी गिनाए गए हैं। हिमाचल पुलिस ने शनिवार को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने फाइल सीबीआई को भेजने की मंजूरी  दे दी। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव संजय कुंडू ने फाइल सीबीआई को भेजे जाने की पुष्टि की है।
 
जांच ट्रांसफर करने के पुलिस ने गिनाए ये कारण

उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन घोटाले की जांच को कथित तौर पर ठंडे बस्ते में डालने को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। मुख्यमंत्री ने सदन से ही हिमाचल पुलिस को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था।

पुलिस की ओर से सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि घोटाले में कई बैंकों से लेकर दूसरे राज्यों में स्थापित संस्थानों का हाथ होने की पुष्टि हो रही है। मामले के कई राज्यों से जुड़े होेने के कारण हिमाचल पुलिस अकेले जांच नहीं कर सकती। लिहाजा, जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को दे दी जाए।

ये है घोटाला

जांच में पता चला कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट मात्र 11 फीसद निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया गया है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ रुपये और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को महज 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के दिए गए। आरोप है कि निजी संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी रकम को डकारा। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा।