HRTC में बसों की खरीद और पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान विभाग में कामकाज को लेकर जो सवाल खड़े किये जा रहे हैं। उस पर तत्कालीन मंत्री जीएस बाली ने पलटवार करते हुये आज HRTC की दुर्गति पर सवाल खड़े किये हैं और बस खरीद और अपने कार्यकाल के दौरान हुये काम को बताया। बाली ने कहा कि जब 2012 के आखिर में हमारी सरकार बनी और मुझे HRTC का जिम्मा दिया गया, उस वक्त प्रदेश की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था खस्ताहाल थी। उस हालात को बेहतर करने के लिये हमने उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक प्रोजेक्ट बनाने को कहा।
इस दौरान प्रदेश को 13 कलस्टर में बांटा गया औऱ 800 के करीब बसों की जरुरत बतायी गयी । उस दौरान HRTC के मॉडल की देशभर में सराहना हुई । पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान HRTC का बेड़ा 1600 से बढ़कर 3100 हो गया । विभाग के सभी कर्मचारियों का बकाया क्लीयर किया गया । जीएस बाली ने कहा कि हमने 2012 के मेनिफेस्टो में स्कूली बच्चों को मुफ्त में परिवहन सेवा का वादा किया था । महिलाओं के लिये किराया में कटौती की, बसों का बेड़ा बढ़ाया । इसके बावजूद विभाग ने अच्छी कमाई की । नयी बसों के आने से दुर्घटना में कमी आयी, मैनटेनेंस में कमी आयी । उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में जितने भी फैसले हुये सब कैबिनेट की मंजूरी से हुआ ।
बाली ने सरकार से पूछा सवाल
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार से सवाल पूछा है कि जब HRTC का किराया बढ़ाया गया तो कहा गया कि डीजल के दाम बढ़ रहे हैं । अब सरकार बताये कि इस दौरान HRTC ने कितने की कमायी की है। देखें वीडियो…
GS बाली के आरोप
जीएस बाली ने आरोप लगाया है कि सरकार बसों को चलाना ही नहीं चाहती। हालात ऐसे लग रहे हैं मानो HRTC से ज्यादा ताकतवर प्राइवेट बस आपरेटर हो गये है । प्राइवेट बस आपरेटरों को फायदा पहुंचाने के लिये नीली बसों को खड़ा रखा गया है । पूर्व मंत्री ने कहा कि जिस वक्त सरकार ने HRTC का किराया बढ़ाया उसी वक्त प्राइवेट बस आपरेटरों ने किराया कम कर दिया।
बाली की सरकार से मांग
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार से मांग की है कि डीजल के दाम बढ़ने का हवाला देखर HRTC का किराया बढ़ाया गया था, अब डीजल के दाम कम हो गये हैं । सरकार इसका फायदा यात्रियों को दे और किराया कम करे । इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि सरकार उन कंपनियों का बकाया पैसा दे, जिनसे बसें ली गई थी ।