हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा बैंक की हुई 216 भर्तियों को रद्द करने के फैसले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई बयान जारी नहीं हुआ है । यहां तक की बैंक प्रबंधन के पास भी इसकी कोई जानकारी नहीं है। कांगड़ा बैंक के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज हाईकोर्ट का हवाला देकर कह रहे हैं कि हाईकोर्ट ने ही इन भर्तियों को लेकर फाइनल निर्णय लिया है। इसमें सरकार का कोई लेना देना नहीं है और भर्तियों के रद्द होने के क्या कारण रहे हैं इसकी अभी जानकारी स्पष्ट नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी परिक्षा में अपीयर हुए थे या जो सिलेक्ट हुए थे उनको लेकर क्या रणनीति सरकार बनाएगी। इसको लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। यह हाईकोर्ट के आदेशों पर ही निर्भर करता है।
हैरानी इस बात की है कि करीब 7 करोड़ रूपया बैंक भर्तियों के फार्म के आवेदन के नाम पर सरकार ने उस समय इकट्ठा किया, लेकिन जिन युवाओं का चयन भी हो चुका था उनको अंत में हताशा ही हाथ लगी। अब उन अभ्यर्थियों को लेकर बैंक और सरकार की तरफ से कोई रियायत किसी लेवल पर मिलेगी या नहीं।
बताते चलें कि प्रदेश में रद्द हुई नियुक्तियों के बाद युवाओं में भारी बबाल देखने को मिल रहा है। वहीं, अब इसे आने वाले लोकसभा चुनावों के साथ भी जोड़ कर देखा जा रहा है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने इन युवाओं का समर्थन किया है और युवाओं से करोड़ों रुपयों की ठगी के आरोप बीजेपी सरकार के ऊपर लगाया है। इसके बाद बैकफुट पर आई बीजेपी सरकार क्या निर्णय लेती हैं यह महत्वपूर्ण रहेगा।