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राज्य योजना बोर्ड ने 7100 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को स्वीकृति दी

पी. चंद |

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य योजना बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में साल 2019-20 के लिए 7100 करोड़ रुपए की वार्षिक योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस बार योजना का बजट पिछले साल की तुलना में 800 करोड़ अधिक है। जिसके हिसाब से योजना में 12.70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

सीएम जयराम ने बताया कि सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए 3048.15 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कुल व्यय का 42.93 प्रतिशत है। वहीं परिवहन एवं संचार क्षेत्रों को द्वितीय प्राथमिकता में रखा गया है, जिसके लिए 1241.98 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो कुल व्यय का 14.49 प्रतिशत है। तीसरी प्राथमिकता कृषि और इससे सम्बन्धित गतिविधियों को दी गई है, जिसके लिए 877.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र के लिए 711.06 करोड़ रुपये, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 457.48 करोड़ रुपए और सामान्य आर्थिक सेवाओं के लिए 335.15 करोड़ रुपए जबकि सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 133.89 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।

वहीं ग्रामीण विकास के लिए 133.65 करोड़ रुपये, उद्योग और खनिज के लिए 95.59 करोड़ रुपये, विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के लिए 38.02 करोड़ रुपए और विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत 27.78 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7100 करोड़ रुपए की वार्षिक योजना में से 1788.49 करोड़ रुपए अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत व्यय किए जाएंगे, जिसमें अधिकतर अनुसूचित जाति की जनसंख्या के कल्याण के लिए कार्य किए जाएंगे। इसी प्रकार 639 करोड़ रुपए की 9 प्रतिशत राशि जनजातिय क्षेत्र उप-योजना के लिए रखी गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के जनजातीय क्षेत्रों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि 80 करोड़ रुपए की राशि पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना के तहत पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए रखी गई है।