आईपीएस अधिकारी अर्जित सेन ठाकुर ने हमीरपुर में बतौर पुलिस अधीक्षक पदभार संभाल लिया है। ज्वाइनिंग के साथ ही अर्जित सेन ने अपनी प्राथमिकताएं भी गिना दी हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला शिक्षा का हब है, जिसके चलते यहां पर ड्रग्स माफिया सक्रिय है। वह ड्रग्स माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा साइबर क्राइम पर अंकुश लगाएंगे। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता में होगा। हमीरपुर में ज्वाइनिंग के बाद वह छुट्टी पर गए हैं। 31 जनवरी को वापस लौटेंगे।
16 अक्तूबर 1983 को जन्मे अर्जित सेन ठाकुर चंबा जिला के सिहूंता से संबंध रखते हैं। उन्होंने वर्ष 2005 में एनआईटी हमीरपुर से बीटेक की डिग्री मेकेनिकल में हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक प्राइवेट नौकरी भी की। अर्जित सेन ठाकुर के पिता भीम सेन एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं, जो हाल ही में मुख्य सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत हुए हैं। आईपीएस में आने से पूर्व अर्जित सेन ठाकुर 2011 में एचएएस अधिकारी बने थे। उन्होंने बीडीओ नूरपुर से सरकारी क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत की। लेकिन जुनून भारतीय पुलिस सेवाएं में जाने का था। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वर्ष 2012 में आईपीएस के बजाय आईआरएस कैडर मिला।
आईआरएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आयकर विभाग में नियुक्ति मिली। साथ में यूपीएससी की पढ़ाई का क्रम जारी रखा। मेहनत व हिम्मत को नहीं छोड़ा। लिहाजा, फिर यूपीएससी की परीक्षा में अपीयर हुए और वर्ष 2013 में मंजिल हासिल हो गई। आखिर में कड़ी मेहनत के दम पर आईपीएस बन गए। हमीरपुर के एसपी बनने से पूर्व वह सीआईडी क्राइम में भी पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे, लेकिन किसी जिला में बतौर एसपी पहली पारी शुरू की है।
धर्मशाला में कटा प्रोबेशन पीरियड:
आईपीएस अधिकारी अर्जित सेन ठाकुर का प्रोबेशन पीरियड धर्मशाला में कटा है। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी, एएसपी शिमला, गर्वनर के साथ एडीसी और उसके बाद एसपी सीआईडी क्राइम शिमला की कमान संभाल चुके हैं।