हमीरपुर के सर्विस सिलेक्शन चयन निगम के बाहर लगे कूड़ेदान के ढेर स्थानीय लोगों के लिए तो समस्या बने हुए हैं। साथ ही ही जो लोग यहां पर पर टेस्ट देने या साक्षात्कार के लिए आते हैं। उनके लिए भी खासा परेशानी का सबब इन कूड़ेदानों से आने वाली बदबू बनती जा रही है।
हैरानी इस बात की है कि लोगों को नसीहत देने देने वाले सरकारी विभाग जहां से सिर्फ एक पोस्ट के आवेदन पर ही करोड़ों रुपया इकट्ठा हो जाता है एक भी डस्टबिन अपने कार्यालय के बाहर रख पाने में असमर्थ नजर आ रहा है। विभाग के अधिकारी बस तौर पर कह रहे हैं कि पंचायत स्तर पर यह काम होते हैं और उनसे इस विषय में हमने बात कर रखी है लेकिन हैरानी इस बात की है कि स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का खर्चा होने के बाद भी यहां पर कार्यालय के बाहर सफाई के नाम पर कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है और जंगल में चारों तरफ कूड़ा बिखरा पड़ा है।
इतना ही नहीं वहां पर नगर परिषद के कूड़ेदान भी पूरी तरह कूड़े से भरे नजर आ रहे हैं। उनको उठाने वाला भी कोई नहीं है। सड़कों के दोनों किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं। लेकिन, इतना बड़ा चयन निगम यहां पर बना हुआ है। चयन निगम में बड़े स्तर के अधिकारी जितेंद्र कमर यहां पर काम करते हैं लेकिन किसी को भी ना तो इस कूड़े की कोई चिंता है और ना ही आसपास के जो जंगल है जहां पर कूड़े की वजह से लगातार प्रदूषण हो रहा है उसकी कोई चिंता है।
चयन आयोग के सचिव जितेंद्र कमर कहते हैं कि इसके लिए हमने स्थानीय लेवल पर पंचायत के लोगों से बात की है और सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर भी चर्चा हुई है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है वह चयन आयोग द्वारा 10 में रखे जाने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए मीटिंग में निर्णय लिया जाएगा।