Follow Us:

मंडी: 6 सालों से लटका केंद्रीय विद्यालय का निर्माण, लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

संजय गुलेरिया, धर्मपुर |

जिला मंडी के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय संधोल के भवन  का पिछले 6 सालों से निर्माण ना होने पर संधोल  विकास समिति भड़क उठी है। समिति ने इसे लेकर बकायदा सरकार को ज्ञापन भेजकर 15 दिनों की डेडलाइन देते हुए ना सिर्फ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है बल्कि साथ ही लोकसभा चुनावों के बहिष्कार करने की भी धमकी दी है।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संधोल 6 साल पहले स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना को लेकर पूर्व कांग्रेस सरकार और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने जमकर श्रेय लूटने की कोशिश की थी। लेकिन केंद्रीय विद्यालय स्थापना के 6 सालों के बाद भी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संधोल के परिसर में चल रहा है। बावजूद इसके आज तक व्यवस्था में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई जबकि, स्कूल में हर साल एक कक्षा का इजाफा हो रहा है। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में सातवीं कक्षा के बच्चे कहां पर बिठाए जाएंगे। इसको लेकर प्रींसिपल से लेकर केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन के माथे पर बल पड़ चुके हैं। केंद्रीय विद्यालय के प्रींसिपल अनूप कुमार का कहना है कि इस साल निकलने वाले बैच को लेकर वह अभी आश्वस्त नहीं हैं। आईटीआई द्वारा खाली किए गए परिसर में बच्चों के बीठाने के लिए जगह नहीं है न हीं वहां पर बच्चे सेफ़  हैं।

जमीन ना मिलने से लटका निर्माण…

केंद्रीय विद्यालय की सौगात पूर्व यूपीए कांग्रेस सरकार ने दी थी। इसे लेकर सांसद अनुराग ठाकुर एवं धर्मपुर  के विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर के साथ-साथ कांग्रेस नेता चंद्रशेखर में भी श्रेय लेने की जमकर होड़ मची थी l परंतु कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारें अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है परंतु आज तक केंद्रीय विद्यालय के नाम पर पूरी जमीन ट्रांसफर नहीं करवा पाई है l ऐसे में इसका निर्माण कब शुरू होगा इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है l केंद्रीय विद्यालय की साफ़ शर्त है कि जब तक पूरी जमीन ट्रांसफर नहीं हो जा सकती केवी के भवन का निर्माण शुरू नहीं किया जा सकता है l

अनुराग से खफा है पूर्व सैनिक एवं लोग

केंद्रीय विद्यालय को लेकर सांसद अनुराग ठाकुर ने बार-बार लोगों से झूठ बोला है। उन्होंने पिछले वर्ष संधोल दौरे पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर को सितंबर माह में लाने की बात कही थी। फिर दिसंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसका उद्घाटन कराने की बात कही थी। परंतु आज तक वह इसके लिए जमीन तक उपलब्ध नहीं करवा सके हैं l यही हाल धर्मपुर के विधायक एवं आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का रहा है। केंद्रीय विद्यालय संगठन के एग्रीमेंट के हिसाब से जब तक जमीन पूरी तरह प्रदेश सरकार संगठन के नाम पर नहीं करती तब तक इसके निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पाएगा।  ऐसे में सांसद जनता से पिछले 6 सालों से झूठ बोल रहे हैं l

उधर, सांसद और मंत्री के इस अवसर पर पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष भी आग बबूला है। उन्होंने बताया इस संस्थान के लिए पूर्व सैनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचकर संधोल  में केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत करवाया था।

लेकिन अब उनका इसका नाम लेना तक सांसद को नागवार रहा है। वहीं, संधोल विकास समिति के अध्यक्ष मानसिंह सकलानी ने बकायदा बैठक करके प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेज कर 15 दिन के भीतर डेढ़लाईन भी जारी कर दी है कि अगर इस दौरान केंद्रीय विद्यालय के निर्माण का रास्ता साफ नहीं हुआ तो ना सिर्फ विकास समिति जन आंदोलन शुरू करेगी बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों का भी पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा। 

संधोल सेवा विकास एवं कल्याण समिति के सचिव संजीव गुलेरिया तथा उपाध्यक्ष जगदीश चंद ने सांसद अनुराग ठाकुर को आडे हाथ लिया उंहोने कहा कि सांसद कांग्रेस के समय मिले केद्रिंय विधालय का श्रेय तो ले रहे है परंतु केंद्र और हिमाचल में बीाजेपी की सरकार होने पर भी इस स्कूल भवन का शिलान्यस तक नहीं करवा पा रहे है। अगर जल्द ही शिलान्यस नहीं किया जाएगा तो लोकसभा चुनाव में ऐसे नेताओं का विरोध किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के सामने केद्रीय विद्यालय की बात ना करने पर बिफरे लोग

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संधोल दौरे के दौरान भले ही राजनीतिक लोग जो भी नफा-नुकसान करने में व्यस्त हो।  लेकिन संधोल  क्षेत्र की मुख्य मांग केंद्रीय विद्यालय का भवन इस शोर-शराबे के बीच दबा रहा। केंद्रीय विद्यालय के भवन का निर्माण कब शुरू होगा इसको लेकर सांसद अनुराग ठाकुर और स्थानीय विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर ने एक भी शब्द नहीं बोले जाने पर यहां के बाशिंदे बेहद खफा हो चुके हैं ।
 

वहीं, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संधोल  के भवन को लेकर डेढ़ बीघा जमीन अधिग्रहण कर ली गई है। जबकि 2 बीघा जमीन वन क्षेत्र में है जिसके लिए एफसीए केस वन  विभाग को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलते ही केवी भवन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।