31 मई 2017 याद है आपको। इसी दिन एक बड़े बाबू CBI के हत्थे चढ़े थे। CBI ने उन्हें रंगे हाथों घुस लेते पकड़ा था । ये बाबू है तिलक राज । उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक तिलक राज शर्मा पर मौजूदा जय राम ठाकुर सरकार मेहरबान हो गई है। मेहरबानी इतनी कि सरकार ने तिलक राज को इन्वेस्टर मीट जैसे महत्वपूर्ण आयोजन की कमान सौंप दी है।
साल 2011-12 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में तिलक राज को तीन मैनेजर को सुपरसीड कर प्रमोशन दी गई। विरोध हुआ तो विभाग ने इस प्रमोशन को उचित ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिन अफसरों को सुपरसीड किया, उनमें से एक अफसर को संयुक्त निदेशक बनाया गया। जबकि दो को जीएम बना दिया गया।
कांग्रेस सरकार के दौरान भी तिलक राज के मुख्यमंत्री से लेकर बड़े नेताओं के साथ गहरे संबंध की चर्चा राजनीतिक गलियारों में रही है। आरोप ये भी लगे कि बड़े नेताओं के लेनदेन के मामले में भी तिलक राज का बड़ा हाथ रहता था। कहा तो ये भी जाता है कि तिलक राज की बड़े घरानों के साथ बढ़िया सेटिंग है। जिसके कारण वह हर सरकार में चेहते बन जाते है।
तिलक राज अगस्त 2017 में 20 लाख के निज़ी मुचलके के ऊपर जमानत पर छूटे थे। बताया जा रहा है कि बैंगलूरु में हुई इन्वेस्टर मीट की कमान भी तिलक राज के हाथों ही थी। अब गलियारों में चर्चा इस बात को लेकर है कि तिलक राज में ऐसा क्या है कि सरकार कोई भी हो तिलक राज सबके चहेते बन जाते है।