मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने कुल्लू के बजौरा के दौरान एक बार फिर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी प्रजातांत्रिक होने चाहिए, पदाधिकारी चुनाव लड़कर ही बनाए जाने चाहिए। पदाधिकारी ऊपर से थोपे नहीं जाने चाहिए। पार्टी प्रजातंत्र पर विश्वास रखने वाली पार्टी है, लेकिन संगठन के भीतर पदाधिकारियों को ऊपर से थोपा जाना ठीक बात नहीं है। अध्यक्ष पद भी प्रजातांत्रिक पद है इसलिए अध्यक्ष भी चुनकर बनाना चाहिए।
मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं 5 बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और 4 बार चुनकर अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने कहा कि चार बार चुनावी प्रक्रिया को अपनाया गया है और पांचवीं बार वह केंद्र में थे और उस समय उन्हें केंद्र से नॉमिनेटिड कर प्रदेश भेजा गया था। उस समय मैंने कुछ समय के लिए ही कमान संभाली थी। बता दें कि वीरभद्र सिंह कुल्लू के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
हालांकि, एक तरफ सुक्खू कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनका कोई विवाद नहीं है, लेकिन दूसरी ओर वीरभद्र सिंह के तेवर नरम पड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री किसी भी मौके पर सुक्खू पर निशाना साधने से चूक नहीं रहे हैं। लगता है कि वीरभद्र सिंह अभी भी सुक्खू को हटाने की जिद पर अड़े हुए हैं।