हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आज घुमारवीं से पूर्व सदस्य रहे कर्म देव धर्माणी के अचानक हुए निधन के शोकोदगार से शुरू हुई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके शोकोदगार पर कहा कि 67 साल के धर्माणी बीती शाम बाज़ार घूमने आए हुए थे की अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। 24 जनवरी 1951 में उनका जन्म हुआ था। वह दो बार हिमाचल विधानसभा में सदस्य रहे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया ओर उनके जीवनवृत पर प्रकाश डाला।
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी कर्म देव धर्माणी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि धर्माणी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बात करते थे। उनका संसार से जाना राजनीति के लिए भारी नुकशान है। नैना देवी के विधायक राम लाल ठाकुर ने भी कर्मदेव धर्माणी के निधन को राजनीतिक क्षति क़रार दिया। उनके निधन से जहां प्रदेश की राजनीति को नुकसान हुआ है वहीं बिलासपुर को भी इससे बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने घुमारवीं क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह विचारधाराओं से ऊपर उठकर काम करते थे।
इसमें शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी अपनी बात रखी और कहा कि उनके साथ कर्मदेव धर्माणी का गहरा संबंध रहा है। पड़ने में अव्वल रहने वाले धर्माणी हॉकी के खिलाड़ी भी रहे। बीएससी करने के बाद पोस्ट ऑफिस में नॉकरी की। तत्पश्चात एलएलबी की पढ़ाई करने लगे। लेकिन नोकरी छोड़ एलएलबी की पढ़ाई को चुना। इसी दौरान उन्होंने जनसंघ से अपना नाता जोड़ा ओर 1990 में पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंचे। 1998 में पार्टी में टकराव को भी उन्होंने संभाला।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने भी कर्मदेव धर्माणी के निधन पर शोकोदगार में अपने आप को शामिल किया और कहा कि उनको भी दिवगंत धर्माणी के साथ काम करने का मौका मिला। जब बीमार हुए उस दौरान भी वह पार्टी के लिए काम करते रहे। सदन में धर्माणी हमेशा क्षीर खड्ड के तटीकरण का मसला उठाते थे। उनके निधन पर सदन में मौन भी रखा गया।