जयराम सरकार में IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में आ गए हैं। ताजे वाक्या में मंत्री महोदय ने एक किसानों के कार्यक्रम में खुद न जाकर अपने बेटे को चीफ गेस्ट बनवाया और जो काम मंत्री जी को करना था वे उनके बेटे ने किया। जबकि उनके बेटे सिर्फ भाजयुमो के पदाधिकारी हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों किसानो को विभाग की ओर से उपकरण भी बांटे। यहां तक कि कार्यक्रम में IPH, पशुपालन और उद्यान विभाग ने बकायदा प्रदर्शनी भी लगाई थी, जिसका बारे में श़ायद मंत्री महोदय के बेटे को ज़रा भी नॉलेज नहीं होगा…!!
अब इस पर जिला परिषद एवं किसान सभा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया की मंत्री परिवार तमाम नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहा है। यहां ना तो बीजेपी के दिशानिर्देश चलते हैं और ना ही सरकारी कर्मचारी अधिकारी। बिना किसी पद के और जनप्रतिनिधि ना होने के बावजूद भी मंत्री पुत्र को सरकारी अधिकारी फूल मालाएं डालने का काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में ज़िला पार्षद राज कुमार भी शामिल थे परंतु उन्हें मात्र दर्शक दीर्घा में ही बिठाए रखा गया।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस कार्य प्रणाली को रोकने के बारे में पत्र लिखा था। लेकिन आज तक इसे लेकर कोई भी लगाम नहीं लगाई जा सकी है। इसे लेकर 14 मार्च को राजनीति दलों के संगठनों के साथ सांझा मोर्चा बनाकर परिवारवाद और तानाशाही के खिलाफ अभियान छेड़ेंगे।
मंत्री पुत्र निभा रहे अघोषित मंत्री की भूमिका
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जब से महेंद्र सिंह मंत्री बने हैं तब से उनका बेटा अघोषित मंत्री की भूमिका निभा रहा है। मंत्री की जगह तमाम सरकारी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि भी उनका पुत्र होता है। डेढ़ महीने से दर्जनों स्कूलों औऱ कॉलेजों में वार्षिक समारोह में मंत्री पुत्र रजत ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि वे ना तो कोई जन प्रतिनिधि है ना ही सरकार में कोई पदाधिकारी। वे सिर्फ बीजेपी युवा मोर्चा के पदाधिकारी मात्र हैं।अब सरकारी विभागों में भी उन्हीं का नामकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धर्मपुर के तानाशाही मंत्री के परिवार वाद को लेकर पूर्णता चुप्पी साधे हैं। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में मामला दर्ज किया जाएगा।