शुक्रवार को सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग ने कहा कि कंपनी उनके प्लेटफॉर्म पर कौन लाइव जाएगा, इस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। हालांकि इसके लिए कुछ क्राइटेरिया रखा जाएगा। कंपनी ये कदम न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए आतंकी हमले के बाद उठा रही है। सैंडबर्ग ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि कंपनी मॉनिटर करेगी कि फेसबुक पर कौन 'लाइव' जा सकता है। ये कम्यूनिटी गाइडलाइंस जैसे फैक्टर्स पर डिपेंड करेगा। याद हो कि 15 मार्च को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में एक शूटर ने दो मस्जिदों में करीब 50 लोगों की गोलीमार कर हत्या कर दी थी।
ब्लॉग में कहा गया है कि फेसबुक ने 900 से ज्यादा अलग-अलग वीडियो की पहचान की है, जिसमें 17 मिनट के नरसंहार के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में नफरत वाले समूहों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए अपने मौजूदा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स का इस्तेमाल किया है। पिछले हफ्ते, सोशल नेटवर्किंग दिग्गज कंपनी ने कहा था कि उसने दुनियाभर से 1.5 मिलियन वीडियो को हटा दिया, जिसमें हमले के बाद पहले 24 घंटों में न्यूजीलैंड मस्जिद हमले के फुटेज थे।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में, फ्रांस में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य समूहों में से एक ने कहा था कि वो फेसबुक और यूट्यूब पर मुकदमा कर रहे हैं। समूह ने फेसबुक और यूट्यूब पर वीडियो की स्ट्रीमिंग के जरिए हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।