हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अटकलों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि बीजेपी हिमाचल विधानसभा चुनाव में 40 फिसदी नए चेहरों को चुनावी रण में उतार सकती है। यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की जीत के बाद हिमाचल में उन बीजेपी नेताओं का टिकट कट सकता है जिनका परफोर्मेंस 'लो' रहा है। वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह हिमाचल दौरे पर कह चुके हैं कि युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और जो पार्टी में काम नहीं करेगा उसके बारे में भी विचार होगा।
अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह युवा रैली को सम्बोधित करने के लिए 22 सितंबर को हिमाचल पहुंच रहे है। इस बार शाह का दौरा विशेषकर युवाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यदि पिछले प्रदेश चुनावों की बात करें तो बीजेपी की झोली में केवल 26 सीटें आई थी और कांग्रेस ने 36 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। पर इस बार होने वाले विधानसभा चुनावों में मुद्दे और समीकरण अलग बनते नजर आ रहे हैं।
मौजूदा सरकार के बीच आंतरिक कलह और वीरभद्र-नेतृत्व सरकार विरोधी लहर से बीजेपी को फायदा मिल रहा है। कोटखाई रेप केस जैसे मामले प्रदेश में होने से कांग्रेस सरकार मुश्किलों में घिरी हुई है। कांग्रेस के मौजूदा विधायक भी कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाने के बजाय सेल्फ प्रमोशन के जरिए वोट मांग रहे है। इसी बीच बीजेपी जल्द से जल्द अपनी कैंडीडेट लिस्ट को फाइनल टच देने में व्यस्त है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरएसएस हिमाचल में होने वाले चुनावों को लेकर बीजेपी के सीनियर नेताओं के साथ रेगुलर मीटिंग कर रही है। 2009 में केन्द्र में चल रही बीजेपी की मुश्किलों के दौरान भी आरएसएस के आदेश पर बड़ा बदलाव किया था और इसको लेकर आरएसएस प्रदेश के नेताओं को उसी तर्ज पर रणनीति बनाने की सलाह दे रही है।