चंबा जिला के विधानसभा क्षेत्र चुराह के पायल पंचायत के लोग जान जोखिम में डाल रोजाना उफनता हुआ नाला पार करते हैं। महिलाएं, बुजुर्ग या फिर स्कूली बच्चे हों, सभी को लपेटा नाले को पार करना पड़ता है।
दरअसल 8 महीने पहले बरसात में दो पंचायतों के रास्ते में आने वाले 3 पुल बह गए थे। उसके बाद न तो सरकार ने और न ही प्रशासन ने इन पुलों को दोबारा बनाने की जहमत उठाई। पंचायत प्रधान और स्थानीय लोगों ने कई बार इस समस्या से प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन समस्या का हल अभी तक नहीं हो पाया है।
रोजाना गांव के लोग अपने बच्चों को नाला पार करवाते हैं। बच्चों का हाथ पकड़कर या फिर पीठ पर उठाकर नाला पार करवाते हैं, लेकिन उन्हें हमेशा डर सताता रहता है कि कोई अनहोनी ना हो। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पहाड़ों पर बर्फ पिघल रही है और नाले ने पानी भी बढ़ रहा है। लोगों ने मन बनाया है कि जब तक इस पुल का निर्माण नहीं होता है, अब बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
स्कूली बच्चों का कहना है स्कूल जाने के लिए नाले को पार करना पड़ता है। बच्चों ने बताया कि उनका एक साथी यहां से गिरकर चोटिल भी हुआ था। लोगों का कहना है कि इस समस्या को लेकर वह जिला प्रसासन के पास गए थे, प्रशासन आचार संहिता का हवाला देकर काम में देरी की वजह बता रही हैं। लोगों का कहना है कि मौजूदा समय में यहां बड़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?