बीजेपी के बाद CPIM ने भी हॉर्टिकल्चर में सेब के पौधों को लेकर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। CPIM नेता राकेश सिंघा ने कहा कि हॉर्टिकल्चर विभाग में फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि 1100 करोड़ वर्ल्ड बैंक से हॉर्टिकल्चर के विकास के लिए आया। इसमें ये भी शर्त थी कि कोई भी पौधा वायरस वाला नहीं होगा। लेकिन, जो भी पौधे हॉर्टिकल्चर ने खरीदे गए उन सभी में वायरस पाया गया।
कमेटी ने मांगी थी बांटे पौधों की लिस्ट
जब जून 2017 में पौधों में वायरस की शिकायत मिली तो पौधों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई उसमें भी वायरस की पुष्टि हुई। टीम को फील्ड में खरीदे गए 72000 के पौधों की जगह नाममात्र पौधे मिले। कमेटी ने विभाग से जिन-जिन बागवानों को पौधे वितरित किए उनकी लिस्ट मांगी थी, जो आज तक नहीं दी गई। इससे साफ जाहिर होता है कि सेब खरीद और वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है। सिंघा ने इसकी न्यायिक जांच की मांग उठाई है। सीपीआईएम इसको चुनावो में मुद्दा बनाएगी।
कोल्ड स्टोर बड़े घरानों को किए आउटसोर्स
हिमाचल में सभी कोल्ड स्टोर बड़े घरानों को आउटसोर्स कर दिए गए हैं। बागवानों का सेब वहां रखा नहीं जाता, उल्टा उनसे सस्ता सेब खरीद कर बाद में सस्ते दामों पर बेच दिया जाता है। इसलिए सीपीआईएम स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाए, ताकि बागवानों को सेब के सही दाम मिल पाएं और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।
CM सहित सभी नेता जीरो: सिंघा
सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित सभी नेता जीरो हैं और किसी नेता के पास कोई विज़न नहीं हैं। इसी वजह कोई भी विकास कार्य सही तरीके से नहीं हो पाता है।