आईपीएच मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार पानी की समस्या से निपटने के लिए छः मुख्य बिंदुओं पर काम करेगी। जिसमें हर घर को नल का प्रावधान, और हर खेत को जल का प्रावधान, हर नाले खड्ड को प्रदूषण मुक्त कराने का प्रावधान, जल संग्रहण, सभी टैंकों , कुओं, बावड़ियों की सफ़ाई, हर घर को सीवरेज से जोड़ना जैसी योजनाओं पर काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उठाऊ पेयजल योजनाओं को ज़मीन से ऊपर बनाएंगे ताकि जमीन के नीचे होने वाली लीकेज रोकी जा सके। सीवरेज के पानी को रीसाइक्लिंग कर फसलों की सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाएगा। राजधानी शिमला से इसकी शुरुआत की जाएगी। स्नो हार्वेस्टिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा। आगे से हिमाचल प्रदेश में हैंडपंप नही लगाए जाएंगे। जो 40 हज़ार हैंडपंप हैं उनमें से जो ख़राब पड़े हैं उनको भी हटाया जाएगा ताकि पानी की घटते स्तर को ठीक लाया जा सके। इसके लिए विदेश से पैसा आया हुआ है।
मंत्री ने बताया कि एडीवी से 17 परियोजनाओं के लिए 70 करोड़ आया है। इसके अलावा भी कई केन्द्र प्रायोजित योजनाएं है जिनसे हिमाचल को फंड मिल रहे है।