हेपेटाइटिस लिवर का एक गंभीर रोग है जिससे शुरुआती अवस्था में सिर्फ लिवर में सूजन आती है और जलन होती है। मगर हेपेटाइटिस के बढ़ जाने पर लिवर की मांसपेशियां नष्ट हो जाती हैं जिससे लिवर फाइब्रोसिस या फैटी लिवर हो सकता है। इसके अलावा गंभीर स्थिति में ये रोग लिवर कैंसर का भी कारण बन सकता है। ये रोग हेपेटाइटिस वायरस के कारण फैलता है। बरसात के मौसम में इसके बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। क्योंकि आमतौर पर गंदगी में रहने, गंदा पानी पीने, संक्रमित सुई, खून के संक्रमण आदि के कारण हेपेटाइटिस रोग फैलता है। जो लोग अधिक शराब पीते हैं उनमें भी हेपेटाइटिस रोग का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा कई बार ज्यादा दवाओं के सेवन से भी इस रोग का खतरा होता है। जानें हेपेटाइटिस के प्रकार, लक्षणों और रोकथाम के बारे मेंः-
हेपेटाइटिस के प्रकार
वायरल हेपेटाइटिस A और E प्रकार की होती है। यह मुख्य रूप से जल और भोजन के दूषित होने के कारण होती है। हेपेटाइटिस B और C बॉडी फ्लुइड्स, रक्त आधान इत्यादि के कारण होती है। हेपेटाइटिस बी वायरस युक्त तीव्र संक्रमण तीव्र वायरल हेपाटाइटिस से संबन्धित होता है। यह एक बिमारी जो समान्य खराब स्वास्थ्य, भूख ना लगना, जी मचलाना, उल्टी, शरीर में दर्द, हल्का बुखार, गहरा पेशाब और इसके बाद पीलिया के विकास की प्रगति से शुरू होती है। हेपेटाइटिस B और C के कारण यकृत को स्थायी रूप से नुकसान हो सकता है। जबकि हेपेटाइटिस A और E कुछ समय बाद ठीक होती है।
हेपेटाइटिस के प्रमुख लक्षण
- लीवर में सूजन और जलन होना
- गहरे रंग का पेशाब
- अत्यधिक थकान और पेट में दर्द होना
- शरीर में थकान रहना और हल्का बुखार आना
हेपेटाइटिस की रोकथाम
• समुदाय में हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों के बारे में जागरूकता प्रसारण रोग के संचारण को कम करने में मदद करता है।
• HB और HBV की रोकथाम के लिए टीकाकरण उपयोग।
• रक्त और रक्त उत्पादों के माध्यम से संक्रमण रोकने के लिए सावधानी।
• स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों में संक्रमण नियंत्रण सावधानियों के साथ-साथ सुरक्षित इंजेक्शन पद्धति।
• इंजेक्शन के माध्यम से मादक पदार्थ उपभोग करने वाले लोगों में एचबीवी, एचसीवी, एचएवी और एचआईवी संचारण रोकने के लिए हानिकारक कटौती पद्धति।
• स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्त्ताओं के लिए व्यावसायिक सुरक्षा उपाय।
• हेपेटाइटिस A और E को रोकने के लिए साफ़ और सुरक्षित जल आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा, गुणवत्तापरक स्वच्छता, हाथ धोना।
• लीवर को होने वाली संबंधित हानि जैसे कि अल्कोहल और धूम्रपान को कम करने के लिए परामर्श।
इन सब के बाद अगर आपको हेपेटाइटिस के कोई भी लक्षण नज़र आएं या आपके घर में हेपेटाइटिस से पीड़ित कोई व्यक्ति है, तो आपको भी अपनी जांच करवा लेनी चाहिए। इससे आप बीमारी के फैलने से पहले ही उसे पकड़ लेंगे। इससे बीमारी का इलाज आसान हो जाता है।