रूस के न्योनोस्का में सैन्य स्थल पर रॉकेट परीक्षण के दौरान धमाके में 5 वैज्ञानिकों की मौत हुई है। बता दें कि मारे गए सभी लोग रूस की परमाणु एजेंसी 'रोसाटॉम' के वैज्ञानिक थे। रोसाटॉम ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि यह हादसा रॉकेट के लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन के टेस्टिंग के दौरान हुआ।
वैज्ञानिक आइसोटोप के माध्यम से प्रपुल्शन सिस्टम को चलाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में आइसोटोप पावर सोर्सेज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। रोसाटॉम ने बताया कि अन्य तीन कर्मचारी भी इस हादसे के बाद घायल हो गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। यह हादसा गुरुवार को हुआ था। रूसी अधिकारियों ने पहले कहा था कि इस घटना में दो लोग मारे गए हैं और उन्होंने पास के एक शहर में विस्फोट के बाद रेडिएशन बढ़ने की भी सूचना दी थी।
रेडिएशन के असर से बचने के लिए लोग खरीद रहे आयोडीन
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस हादसे के बाद व्हाइट सागर में एक खाड़ी के कुछ हिस्से को मजबूरन आने-जाने के लिए बंद करना पड़ा है। स्थानीय लोग रेडिएशन के असर से बचने के लिए भारी संख्या में आयोडीन की खरीदारी कर रहे हैं। यह दवा अब लगभग खात्मे की कगार पर है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने पहले ही बता दिया था कि हवा में कोई भी हानिकारक केमिकल नहीं फैला है और उससे किसी को नुकसान नहीं होगा।
यह घटना क्यों और किस तरह से हुई, इस पर फिलहाल किसी भी अधिकारी ने बात नहीं की है। बता दें कि गुरुवार को इस धमाके के बाद अधिकारियों ने चेतावनी दी कि रेडिएशन स्तर सामान्य से 20 गुना ऊपर है लेकिन करीब 40 मिनट बाद स्थिति ठीक हो गई।