गुजरात हाईकोर्ट से साल 2002 में हुए दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है। 2002 के दौरान गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी और अन्य को SIT द्वारा निचली अदालत ने क्लीन चिट दिए जाने को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ जाकिया जाफरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन यहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि गुजरात दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी। इसमें जाफरी द्वारा बड़ी साजिश की बात से कोर्ट ने साफ इंकार कर दिया।
पीएम मोदी को आरोपी बनाने की थी मांग:
दंगों में मारे गये पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ भी शामिल है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन दंगों के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश रची गई थी। याचिकाकर्ताओं ने इस नये सिरे से जांच की मांग की थी।
याचिका में मोदी और 59 अन्य को दंगों को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाये जाने की मांग की गयी है।गौरतलब है कि 28 फरवरी, 2002 को गुजरात के गुलबर्ग सोसायटी में भीड़ ने जाफरी समेत करीब 68 लोगों की हत्या कर दी थी।