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बजट में जुमलेबाजी के सिवा कुछ नहीं, परिसंपत्तियों को बेच रही सरकार: राठ़ौर

पी. चंद |

कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने देश के आम बजट को लोगों के साथ एक बड़ा धोखा बताते हुए कहा है कि इसमें जुमलेबाजी के सिवा कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री ने देश के लोगों को गुमराह करने का पूरा प्रयास किया है। बजट से ऐसा लगता है कि बैंकों में भी लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं है। बैंको की साख पर भी एक बड़ा प्रहार है। बैंक गारंटी जैसा कोई शब्द उपयोग में नहीं होना चाहिए, जबकि सभी राष्ट्रीय कृत बैंक पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में होते है।

राठौर ने कहा है कि बजट का पूरा अध्ययन करने से ऐसा लगता है कि यह बजट केवल किताबों के अंक गणित पर ही बनाया गया है। इस बजट में किसी को भी कोई राहत नहीं है। न तो किसानों की दशा सुधारने की कोई योजना है, न ही कृषि उत्पादन बढ़ाने की। देश का उद्योग जो आज बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा है उसको ऊपर उठाने की भी कोई योजना इसमे नहीं है। देश की विकास दर जो कि आर्थिक सर्वेक्षण में 6 से 6.5 प्रतिशत अनुमानित की गई है, पूरी तरह वास्तविकता से कोसो दूर लगती है।

वित्त मंत्री की घोषणा पर सवाल उठाते हुए पीसीसी चीफ़ ने कहा है कि पीपी मोड पर देश में निजीकरण को बढ़ावा देने का एक रास्ता खोल दिया गया है। असल में सरकार ने अपना पूरा खजाना खाली कर दिया है इसलिए वह देश की परिसम्पत्तियों को बेचने लगी है। रेलवे, एयर इंडिया, एलआईसी जैसे उपक्रमों को बेचने का प्रस्ताव देश हित में नहीं है। इनके निजी करण से लाखों लोग बेरोजगार होंगे। मनरेगा के बजट में कटौती से भी ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि देश मे रोजगार का कोई वादा वित्त मंत्री ने अपने इस बजट में नहीं किया है। आर्थिक सुधारों के नाम पर देश मे गरीबों का जीना मुश्किल हो जाएगा। महंगाई आसमान छू रही है। देश के सामने बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, देश की विकास दर में भारी गिरावट जैसी गंभीर चुनोतियां है। इन सब से निपटने में केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। देश में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है। इसके नेता और मंत्री अपने राजनैतिक फ़ायदे के लिए लोगों को गोली मारने तक के नारों का उद्घोष करवा रहे हैं। ऐसे में इन नेताओं और इनकी पार्टी से देश के विकास और इसकी एकता और अखंडता को बनाए रखने की उम्मीद नहीं रखी जा सकती।