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प्रदेश में लापता मुख्यमंत्री जैसे हालात, नहीं हो रहे छोटे-छोटे काम: सुक्खू

नवनीत बत्ता |

हिमाचल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके मंत्रियों पर निशाना साधा है। सुक्खू ने कहा कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि कोई मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के सारे कामकाज छोड़कर मंत्रिमंडल सहित दूसरे प्रदेश में सिर्फ चुनाव प्रचार करने चले गए हों। सुक्खू ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली के नतीजे के बारे में तो सभी को पता है लेकिन हिमाचल से दिल्ली गए बीजेपी नेता इस तरह से चुनाव प्रचार कर रहे हैं जैसे कि सारी जनता उनकी वहां पर समर्थक हो और उन्हीं के कहने से वहां पर वोट डालने वाले हों ।
 
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री राहत कोष से भी लोगों को अब समय पर राहत नहीं मिल रही है जो की चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का जो राहत कोष जो गरीब जनता के लिए है उसकी चिंता करनी चाहिए। लेकिन यहां पर विपरीत हो रहा है और मुख्यमंत्री न तो प्रदेश की चिंता कर रहे हैं और ना़ ही प्रदेश के गरीबों की चिंता कर रहे हैं। बल्कि पिछले 15 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं जिससे आम आदमी के काम प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा मंजर देखने को मिला है कि मुख्यमंत्री इतने लंबे समय के लिए दूसरे प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए ही चले जाते हों, बेशक चाहे इसके लिए प्रदेश की जनता के हितों से ही क्यों न समझोता करना पड़े । उन्होंने कहा कि दिल्ली के नतीजे किस तरफ जा रहे हैं यह सभी को पता है लेकिन भाजपा के नेता अपना प्रदेश छोड़कर दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और एक तरह से राजनीतिक हनीमून मनाते नजर आ रहे हैं जो कि चिंता की बात है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री राहत कोष पूरी तरह खाली हो चुका है। गरीब लोगों को अपने परिवार के मरीजों का इलाज करवाने के लिए पैसे का प्रबंध मुख्यमंत्री राहत कोष से नहीं हो पा रहा है । इसके साथ ही जो गरीब बच्चियां हैं जिनको सरकार शादी के समय राहत देती है वह राहत भी अब समय से नहीं पहुंच पा रही है जो की चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि दिसंबर जनवरी महीने से प्रदेश सरकार में राहत कोष की यही स्थिति बनी हुई है।