एनजीटी के सख्ती दिखाने के बाद होटल और गेस्ट हाउस संचालकों में हड़कंप मच गया है। बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चले रहे होटलों को जल्द बंद करने के आदेश जारी हो सकते हैं। मनाली में लगातार सैलानियों की आमद बढ़ी है। होटलों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है इसके बावजूद समर सीजन के दौरान सैलानियों को कमरे नहीं मिल पाते हैं।
इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यटन, शहरी नियोजन, पर्यावरण सहित अन्य विभागों के साथ होटल व्यवसायियों को फटकार लगाई थी। एनजीटी ने सभी विभागों से यहां चल रहे होटलों की संख्या की रिपोर्ट भी मांगी थी जिसके बाद सभी विभागों ने अपने हिसाब से रिपोर्ट एनजीटी को भेजी है। पर्यटन नगरी मनाली में 500 से ज्यादा होटल बिना पंजीकरण के हैं। कुल्लू-मनाली के करीब 80 फीसदी होटल मनाली में हैं।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी ने बताया कि कुल्लू-मनाली में पर्यटन विभाग के पास कुल 764 होटल और गेस्ट हाउस पंजीकृत हैं। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही होम स्टे योजना के तहत भी 300 के लगभग घरों को पंजीकृत किया गया है। बीसी नेगी ने बताया कि एनजीटी को रिपोर्ट सौंपी गई है इसके आंकलन के बाद बिना पंजीकरण के चल रहे होटलों और गेस्ट हाउसों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।