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लाहौल स्पीति में दिखा दुर्लभ कस्तूरी मृग, रशेल गांव के फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में किया कैद

पी.चंद, शिमला |

जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की लाहौल घाटी में दुर्लभ हिमालयन कस्तूरी मृग नज़र आया है। रशेल गांव के फोटोग्राफर इंद्र जीत भानू ने इसे अपने कैमरे में कैद किया है और वीडियो भी बनाए हैं। कुछ दिन पहले स्पीति के हुर्लिग गांव में हिमालयन सीरो और अब लाहुल में कस्तूरी मृग के देखे जाने से वन्य प्राणी विभाग उत्साहित है। कस्तूरी मृग संकटग्रस्त दुर्लभ प्रजातियों में शामिल है। कस्तूरी मृग हिमालयी क्षेत्र में 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भारत, तिब्बत, नेपाल, भूटान, पकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है।

इंद्रजीत भानू के अनुसार हिमालयन कस्तूरी मृग लाहुल के कई भागों खासकर चंद्रभागा के वामतट पर देखे जाते रहे हैं। वह कुछ दिन से एक हिमालयन कस्तूरी मृग के फोटो खींच रहे हैं औऱ वीडियो बना रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने इसे देखा था। मार्च 2018 में भी लाहुल की मायड़ घाटी में कस्तूरी मृग देखा गया था। भानु के मुताबिक़ ऐसे दुर्लभ जीवों को कैमरे में कैद करना उनका शौक है।

भारत में यह वन्य जीव हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है। इसके शरीर का रंग बदलता रहता है। पेट और कमर का निचला भाग लगभग सफेद ही होता है और बाकी शरीर कत्थई भूरे रंग का होता है। इसके कान लंबे और गोलाकार होते हैं। इसकी सुनने की शक्ति बहुत तेज होती है। इसका वजन 7 से 17 किलो तक होता है। कस्तूरी केवल नर मृग में पाई जाती है।