राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य सुषमा शाहू ने गुड़िया के घर में जाकर उसके परिवार से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने पुलिस, सरकार और मेडिकल रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। सुषमा शाहू ने शिमला में पत्रकार वार्ता में बताया कि कोटखाई गुड़िया गैंगरेप मर्डर के बारे में जब पता चला तो शिमला आना हुआ। बीते शुक्रवार को वह गुड़िया के परिवार से मिली हैं।
शनिवार को शाहू ने पुलिस प्रमुख से मिलना था, लेकिन पुलिस प्रमुख के नहीं आए, वहीं जो पुलिस अफसर आए वे सब उनके सवालों के जवाब देने से बचते रहे। जब उनसे प्रदेश पुलिस प्रमुख के बारे में पूछा गया तो उनको पता नहीं था कि डीजीपी कहां हैं।
CM की FB से 4 लोगों की फोटो पोस्ट करने पर उठाया सवाल
शाहू मुख्यमंत्री के आवास पर भी सवालों के घेरे में खड़ा किया और कहा कि मुख्यमंत्री के फेसबुक से चार लोगों की पोस्ट की जाती है फिर उसे हटा दिया जाता है। जिन लोगों ने फ़ोटो पोस्ट किए उनके खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी पर भी सवाल उठाए और कहा कि गुड़िया के परिवार से जब प्रतिभा सिंह मिलने आई, तो उन्होंने परिवार से सीबीआई की जांच करने की मांग से मना क्यों किया? ऊपर से सरकार गुड़िया के नाम पर स्कूल खोलने की घोषणा की जाती है जो कि गैरकानूनी है। इस सबसे सीएम अनभिज्ञ क्यों रहे?
सूरज से जबरन गुनाह कबूल करवाया
मृतक सूरज से जबरन गुनाह कबूल करवाया गया और उसे मारने से पहले सूरज को पीटा भी गया। शाहू के मुताबिक सूरज की पत्नी ममता ने उन्हें बताया कि 4 से 6 जुलाई तक सूरज काम पर था और उस दिन की हाज़री दिहाड़ी में सूरज की लगी है। राजू तो पांच जुलाई के दिन अपनी मां के कैंसर का इलाज करवाने आया था। इस सब पहलुओं की गहन जांच क्यों नहीं हुई। ऐसे में पुलिस ने अफरा-तफरी में छह लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया। उनका कहना है कि गुड़िया गैंगरेप मर्डर मामला डेल्ही के निर्भया से भी भयानक है।
गुड़िया के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश
पुलिस हिरासत में राजू ने सूरज को कैसे मार दिया। पुलिस कर्मी क्या कर रहे थे। गुड़िया के परिवार को सुरक्षा तक मुहैया नहीं करवाई। आयोग ने आज गुड़िया परिवार की सुरक्षा के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही गुड़िया के भाई की पढ़ाई का प्रबंध करने के आदेश भी जारी किए हैं। यहां तक कि सूरज की पत्नी ममता को राहत के लिए कुछ नहीं दिया गया है। आयोग ने आज ममता के रहने और सुरक्षा के आदेश भी जारी किए हैं।
शाहू ने 2013 से 2017 तक के अपराध की सूची पुलिस से मांगी है। उन्होंने सारे सवाल हैं जो पुलिस एवम सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। साथ ही मामले को पूरी तरह बदल दिया गया।