सरकार चाहें हर गांव को रोशन करने का दावा कर रही हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश में 5 ऐसे गांव हैं जहां विद्यार्थियों को सूरज डूबने से पहले अपना होमवर्क करना पड़ता है। चुराह उपमंडल की पंचायत खजुआ के 5 ऐसे गांव हैं जहां आज भी बिजली सुविधा नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो वे सरकार और बिजली बोर्ड से मांग करते करते थक चुके हैं। लोगों का आरोप है कि नेता वोट तो उनसे विकास के नाम पर ले जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद नहीं लौटते।
गांव की पंचायतों में बिजली की सप्लाई से जोड़ने बारे प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं लेकिन गांवों के बिजली से रोशन होने का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। इन गांवों में करीब चालीस परिवार हैं और आबादी 400 है।
प्रदेश के चंबा जिले में सबसे ज्यादा करीब एक दर्जन विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। बावजुद इसके इन 5 गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है। यहां कि बिजली अन्य राज्यों के गांवों तक पहुंच रही है लेकिन बिजली के उत्पादन के लिए पानी देने वाले जिला चंबा के गांव बिना बिजली हैं। स्कूलों में बिजली होने पर बच्चे खुश होते हैं लेकिन घर में उन्हें स्कूल होमवर्क रात के अंधेरे से पहले करना पड़ता है।
विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता योगेश कुमार ने बताया कि यह मामला उनके ध्यान में है। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल योजना के तहत उक्त गांवों को शामिल कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। कहा कि जल्द ही उक्त गांवों में बिजली पहुंचाने के प्रयास शुरू किए जाएंगे।