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राजसी परंपराओं के साथ हुआ मंडी के राजा का अंतिम संस्कार, बेटे ओमेश्वर सिंह ने दी मुखाग्नि

बीरबल शर्मा |

मंडी रियासत के राजा रहे अशोक पाल सेन का अंतिम संस्कार पूरी राजसी परंपराओं के साथ बुधवार को मंडी में राजाओं के पारंपरिक शमशानघाट ब्यास सुकेती के संगम स्थल पर प्राचीन पंचबख्तर मंदिर के पास कर दिया गया। उनके इकलौते बेटे ओमेश्वर सिंह ने मुखाग्नि देकर परंपरा निभाई।

इससे पहले राजमहल के साथ भवानी निवास से उनकी देह को फूलों की चांदनी से ढके विमान से ले जाया गया। इसे मंडी शहर के ऐतिहासिक चौहट्टा बाजार से बाबा भूतनाथ मंदिर के सामने ले जाकर माथा टेका गया और वहां से मोती बाजार समखेतर से वापस बालकरूपी बाजार से चौबाटा रास्ते से बंगला मुहल्ला होकर पंचबख्तर तक ले जाया गया। इस अंतिम यात्रा में सरकार व प्रशासन की ओर से उपायुक्त मंडी ऋगवेद ठाकुर व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष शर्मा भी शामिल हुए। उन्होंने शव पर पुष्प चक्र भी अर्पित किए। 

मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह, पूर्व सांसद व अशोक पाल सेन के साले महेश्वर सिंह, व्यापार मंडल के प्रधान राजेश महेंदू्र, महामंत्री प्रशांत बहल, ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रधान अनिल शर्मा छूछू, पूर्व पार्षदगण समेत दर्जनों सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले भवानी निवास में परंपरा के अनुसार ओमेश्वर पाल सिंह को तिलक लगाया गया जो उन्हें अगले राजा की विरासत के रूप में एक प्रतीक चिह्न माना जाता है। उनका विधिवत गददीनशीन कुछ महीनों के बाद तारीख तय करके होगा। शव के मुंह को परंपरा अनुसार खुला रखा गया। इसके साथ ही मंडी रियासत का एक पन्ना बंद हो गया।