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हिमाचल के राज्य पशु स्नो लेपर्ड की संख्या 35 से 73, कैमरों के सर्वे में हुआ ख़ुलासा

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल वन्य प्राणी जीवन के लिए सुखद ख़बर सामने आई है। हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुनिया के दुर्लभ वन्य प्राणी में शुमार स्नो लैपर्ड यानी बर्फानी तेंदुए की अनुमानित तादाद 73 आंकी गई है। ये संख्या इससे पहले 35 सामने आती रही है। इनमें शावक शामिल नहीं है। इसका प्राकृतिक वास 26112 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पाया गया है। प्रदेश में पहली बार इसका न केवल सर्वे हुआ बल्कि विज्ञानिक आधार पर गिनती भी की गई है। इससे पता चला है कि यह तेंदुआ जिन जानवरों का शिकार करता है, उनकी  संख्या भी काफी अधिक है। इनमें आइबेक्स, भरल और ब्लूशिप शामिल हैं।

स्नो लेपर्ड को लेकर प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन नामक बेंगलूरु की संस्था के माध्यम से सर्वेक्षण करवाया गया। संख्या का आकलन वन विभाग के वन्य प्राणी विंग के सहयोग से पूरा किया। इसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोटोकॉल के आधार पर किया गया। पीसीसीएफ वन्य प्राणी विंग अर्चना शर्मा का कहना है हिमाचल में पहली बार कैमरा लगाकर गिनती की गई है। दस विभिन्न जगहों पट कैमरा लगाए गए थे। इस तरह से पहले कभी सर्वे नहीं हुआ। कई साइट पर तो स्नो लैपर्ड बार-बार देखे गए। इस बार रेडियो कॉलरिंग के बजाय कैमरों का सहारा लिया गया।

बर्फ़ानी तेंदुआ हिमालय के ऊंची पहाड़ियों में पाया जाता है। बर्फानी तेंदुआ हिमाचल के साथ-साथ चार अन्य पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, उतराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में पाया जाता है। देश में इनकी संख्या करीब 500 के आसपास है। हिमाचल में इनकी संख्या करीब 100 के करीब मानी जाती रही है। अब नए आधुनिक सर्वे में इनकी संख्या 73 सामने आई है। हिमाचल में बर्फ़ानी तेंदुए की संख्या इससे भी ज़्यादा होने की उम्मीद है।