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शिमला: होटल ने 16 माह से नहीं दिया मज़दूरों को वेतन, श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

पी. चंद |

सीटू के बैनर तले ख़लीनी स्थित होटल ईस्टबोर्न के मज़दूरों का पैसा जमा न करने को लेकर ई.पी.एफ़. से हुए अचल सम्पत्ति कुर्की आदेश के बारे एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त उपायुक्त से मिला और कार्रवाई की मांग की। यूनियन प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिलने पहुंचा लेकिन डीसी की गैर मौजूदगी में अतिरिक्त उपायुक्त से मिला औऱ मांग-पत्र सौंपा।

होटल यूनियन के अध्यक्ष बालक राम और सीटू जिला सचिव बाबू राम ने कहा है कि होटल ईस्टबोर्न प्रबंधन ने 135 मजदूरों का जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक के वेतन का भुगतान नहीं किया है जोकि वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का सीधा उल्लंघन है। इससे मजदूरों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। पिछले 16 महीने से मजदूर बिना वेतन के गुजर-बसर कर रहे हैं लेकिन श्रम विभाग खामोश है।

श्रम विभाग एक साल पहले हुए अपने ही समझौते को लागू नहीं करवा पा रहा है औऱ मूक दर्शक बना हुआ है। प्रबंधन ने मजदूरों का पिछले 16 महीने का वेतन न देकर मजदूरों के लाखों रुपये के वेतन को भी नहीं दिया है। इस सब पर श्रम विभाग की खामोशी समझ से परे है। हिमाचल होटल मजदूर लाल झण्डा यूनियन सरकार से मांग करती है कि होटल ईस्टबोर्न प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाए ताकि मजदूरों को न्याय मिल सके।

याद रहे कि ईपीएफ कमिश्नर ने 24 मई को होटल ईस्टबोर्न प्रबंधन द्वारा मजदूरों के 77 लाख रुपये ईपीएफ खाते में जमा न करने को लेकर उपायुक्त शिमला, नगर निगम आयुक्त, तहसीलदार और ख़लीनी के पटवारी को होटल की सम्पत्ति कुर्क करके उक्त राशि ईपीएफ खाते में जमा करने के आदेश जारी किए थे।