Follow Us:

शिमला: नर्स की मौत के एक महीने बाद भी नहीं मिला मुआवजा, सिंघा ने IGMC प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

पी. चंद |

कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश में अब तक लगभग 34 सौ लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना काल में अपनों को खोने की वजह से कई परिवारों पर आर्थिक संकट भी आया है। प्रदेश में कोविड-19 के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर विभिन्न क्षमता में कार्य कर रहे फ्रंटलाइन कर्मियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उनके परिजनों को सरकार ने 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। लेकिन इस राशि को समय से न मिलना संकट में पड़े परिवारों के लिए चिंता का कारण है।

ऐसा ही एक मामला आईजीएमसी शिमला में सामने आया है। यहां कोविड ड्यूटी देते संक्रमण का शिकार होने के बाद मौत का ग्रास बनी आईजीएमसी की नर्स के परिवार को ये राहत राशि नहीं मिल पाई है। जिसको लेकर आज सीपीआईएम के ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने आईजीएमसी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। 

राकेश सिंघा ने कहा आईजीएमसी में वार्ड नर्स के तौर पर कार्य कर रही द्रोपता डोगरा की कोविड से मौत हो गई थी। लेकिन सरकार ने कोविड ड्यूटी दे रहे लोगों की कोविड से मृत्यु होने पर जो 50 लाख की राशि देने की बात कही है उसका लाभ उनके परिवार को नहीं मिल पाया है। उनका परिवार संकट से गुजर रहा है जिसमें मदद की दरकार रहती है। 

सिंघा ने कहा कि लाखों लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर सेवा कर रहें हैं। वह अपना कार्य तभी हिम्मत से कर सकते हैं जब उनके परिवार पीछे सुरक्षित रह सके। उन्होंने कोविड से मृत्यु को प्राप्त हुए सभी फ्रंट लाइन वर्करज के परिवारों को जल्द मुवावजे की राशि देने की मांग की।