अपनी ही सरकार में अपनी ही पार्टी के विधायक का नाम उदघाटन और शिलान्यास पटिटकाओं से गायब कर दिया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री ने तुंगल क्षेत्र के कोटली में करीब 80 करोड़ की योजनाओं के उदघाटन और शिलान्यास किए मगर हैरानी की बात यह रही कि अपनी ही सरकार में अपनी पार्टी के विधायक का नाम इन पट्टिकाओं से गायब था। इनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का ही नाम अंकित था। जबकि स्थानीय विधायक अनिल शर्मा मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने कोटली पहुंचने पर विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री का स्वागत नहीं किया। और न ही वे उदघाटन स्थल पर गए वे मंच पर ही बैठे रहे। हालांकि, अनिल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि मैं व्यावधान पैदा नहीं करना चाहता था।
उन्होंने कहा कि मैं क्षेत्र का निर्वाचित विधायक हूं, इसके बावजूद शिलान्यास और उदघाटन पट्टिकाओं में मेरा नाम नहीं हैं कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं बोलूंगा जनता सब देख रही है। ये क्षेत्र पंडित सुखराम की कर्मभूमि है। उन्होंने कहा कि आपकी जेब में जो मोबाइल है पहला मोबाइल की घंटी पं. सुखराम ने सुनी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में कई उतार चढ़ाव आते रहते हैं। अनिल शर्मा ने कहा कि कभी नारों मन नहीं जीते जाते हैं। हालांकि, अनिल शर्मा का संबोधन शुरू होने पर उनके समर्थकों ने लगाए नारे काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे। अनिल शर्मा मंच छोड़ अपने समर्थकों को समझाने गए।
अनिल शर्मा ने कहा कि सीएम साहब मेरी बात का जल्दी बुरा मान लेते हैं। लेकिन मैं विकास की बात करता हूं। अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी के सेरी मंच पर भी मेरे खिलाफ बहुत कुछ कहा गया पर मैं वहां बैठा रहा। उन्होंने कहा कि यहां पर भी मुख्यमंत्री मेरे लिए जो कहना है कह लें, मुझे फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि मैंने सदर विधानसभा में काम किया है और लोगों के बीच जाऊंगा लोग जैसा कहेंगे वैसा ही करूंगा। कोटली बस अड्डे को लेकर महेंद्र सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि जब बस अड्डा बना तो मंत्री ने ही बोला था की तैने तो नाले में ही बना दिया बस अड्डा। उन्होंने कहा कि अब यदि बस अड्डा नहीं होता तो आज जनसभा भी नहीं होती। अनिल ने कहा कि महेंद्र सिंह और मेरा रिश्ता ही कुछ ऐसा है। कभी मैं गाड़ी चलता था तो महेंद्र सिंह साथ मे बैठते थे।
अनिल शर्मा की ताजपोशी हुई और हम खून पसीना बहा कर संघर्ष से बनें: महेंद्र सिंह
कोटली की जनसभा में हालांकि जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने अनिल शर्मा के खिलाफ वैसे तेवर नहीं दिखाए जैसे सेरी मंच पर दिखाए थे। इसके बावजूद हल्की-फुल्की तानेबाजी के चलते उन्होंने कहा कि पं. सुखराम ने संचार के क्षेत्र में बहुत बड़ा काम किया। उन्होंने कहा कि हम खून पसीना बहाकर और संघर्ष से बनें हैं । जबकि अनिल शर्मा की 1993 में मंत्री पद पर ताजपोशी हुई है। वे राज्यसभा के सदस्य रहे और कांग्रेस और भाजपा की सरकारों में मंत्री भी रहे। इतना लंबा दौर काम करने को मिला। तब वे काम क्यों नहीं करवा पाये जिनकी आज यहां पर मांग उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय बीत चुका है। लोग अब अनपढ़ नहीं हैं, जनता अब चुने हुए नुमायंदों से हिसाब मांगती है। अगर पूर्व में ये मांगें रखी होती तो आज यह नौबत नहीं आती।