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सेब की कीमतों में एकाएक आई भारी गिरावट बागवानों के खिलाफ कोई बड़ा षडयंत्र: राठौर

पी. चंद |

प्रदेश में सेब की गिरती किमतों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मिलीभगत से सेब बागवानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। बागवानों को सरकार की गलत नीतियों और तीन कृषि कानूनों का खामियाजा भुगतना पड़ा है। अडानी, अंबानी और आढ़तियों ने जो बागवानों के साथ खुली लूट शुरू की है उसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। कांग्रेस किसानों-बागवानों के हक की निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। 

आज कुमारसेन के बीथल में आड़नी के कोल्ड स्टोर के समक्ष सेब बागवानों के धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राठौर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बागवानों की पूरी तरह से अनदेखी की है। सरकार ने बागवानों की न तो कोई मदद ही की है और न ही उन्हें कोई राहत दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बागवानों का हर स्तर पर शोषण ही किया है। सरकार ने पहले जो बागवानो को कीट नाशक, फंफूद नाशक पर जो अनुदान देती थी, उसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार ने इस बार स्पष्ट किया था कि प्राकृतिक आपदा के चलते इस बार कार्टन के मूल्यों में कोई बृद्धि नहीं होगी, बावजूद इसमें 25 से 30 रुपए की वृद्धि की गई। उन्होंने कहा कि बागवानों को एक पेटी पर लागत 400 रुपए के आसपास पड़ रही है और अब बाजार में इसी भाव से बिक रही है। सेब के भाव में एकाएक इतनी गिरवाट बागवानों के खिलाफ कोई बड़ा षडयंत्र है।

राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में बागवानी विभाग एक ऐसे नेता को दिया गया है जिनका इस बारे न तो कोई अनुभव है और न ही बागवानी पर कोई रुचि। पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बागवानी विकास के लिये 1134 करोड़ का एक बहुत ही उपयोगी प्रोजेक्ट लाया था। इसके तहत सेब मंडियों का निर्माण विस्तार कोल्ड स्टोरेज का निर्माण आदि प्रमुख था, पर वर्तमान सरकार ने इस पैसे को डायवर्ट कर अन्य कार्यों में खर्च कर दिया गया है और यह प्रोजेक्ट खटाई में डाल दिया है। राठौर ने कहा कि हाल ही में बेमौसमी भारी बारिश, ओलावृष्टि से सेब के साथ साथ अन्य फलों को भारी नुकसान पहुंचा है। पेड़ टूट गए, बाग उजड़ गए। सरकार ने इनकी कोई भी सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि बागवान प्रदेश की पांच हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अडानी को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने बागवानों का शोषण बंद न किया और उन्हें उनके उत्पादन का सही दाम नहीं दिया तो उनका घोर विरोध किया जाएगा। अगर समय रहते सरकार ने कोई पग नहीं उठाये तो इस आंदोलन को और तेज करने से भी कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी।