शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में भारी संख्या में सेब पहुंच रहा है। जिसका बाग़वानों को दाम काफी कम मिल रहा है। ओलावृष्टि से ग्रसित सेब की कीमत ना के बराबर है जिससे बागवान काफी मायूस हैं। बेमौसमी बारिश और ओलों के कारण पहले ही काफी नुक्सान हुआ है जिसका अभी तक कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। ऐसा बाग़वानों का कहना है। आजकल सेब सीजन चरम पर है, बागवान अपने सेब को ज्यादा स्टोर भी नहीं कर सकते। CA स्टोर सरकार द्वारा बहुत कम बनाये गए हैं जो ना के बराबर हैं।
भट्टाकुफर फल मंडी के आढ़ती संजीव सुंटा का कहना है कि इरान से भारी संख्या में सस्ता सेब आने के कारण हिमाचल के सेब की डिमांड काफी कम हो गयी है जिसके कारण मार्किट में बाग़वानों को अच्छे दाम नहीं मिल रहे है। बाग़वानों के पास सीए स्टोर ना होने के कारण इतना सेब स्टोर भी नहीं किया जा सकता इसलिए इन्ही दामों में सेब को बेचना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरा कारण ये भी है इस वर्ष औलावृष्टि के कारण साफ सेब कम आ रहा है। ओलों से ग्रसित सेब 600 से 1000 रुपये पेटी बिक रहा है जबकि जो अच्छी किस्म का सेब है वह 1400 से 2000 बिक रहा है।