शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए 5.10 लाख प्रति घंटा किराए पर रूस से लिया गया अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर बार-बार ख़राब हो रहा है। यह उड़नखटोला राजधानी शिमला के अनाडेल मैदान में शो पीस बनकर खड़ा है। रशिया से तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम इसकी मुरम्मत करने शिमला आएगी। रशिया की स्काई वन कंपनी ने अब छोटा उड़नखटोला मुख्यमंत्री के लिए भेजा है। बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसी छोटे उड़नखटोला से दिल्ली रवाना हुए। डेढ़ महीने में ये हेलीकॉप्टर ज़्यादातर ख़राब रहा है। मुख्यमंत्री इस उड़नखटोले में बामुश्किल 3 या चार बार ही बैठे हैं।
रशिया की स्काई वन कंपनी ने पिछले महीने ही नया उड़नखटोला शिमला भेजा था। हिमाचल पहुंचते ही लाहौल-स्पीति जिले में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। इस 24 सीटर उड़नखटोला का प्रति घंटे का किराया 5.10 लाख रुपये है। डीजीसीए से टेस्ट ड्राइव और ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ये उड़नखटोला प्रदेश सरकार के सुपर्द किया गया था। लेकिन अत्याधुनिक उड़नखटोला का बार बार ख़राब होना कई सवाल खड़े कर रहा है। ख़बर तो यहां तक है कि ये उड़नखटोला नया भी नहीं है। क्योंकि इसकी हालात देख कर लगता नहीं है ये नया है।
प्रदेश की खस्ता आर्थिक हालत के बीच 5.10 लाख प्रति घण्टा किराए पर उड़नखटोला लेने पर विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था। जिसको लेकर सरकार के मंत्री ने बाक़ायदा पत्रकार वार्ता कर सफाई दी थी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा था कि पवन हंस कंपनी वाला उड़नखटोला पुराना हो गया था जो आय दिन ख़राब रहता था। हालांकि उसका प्रति घंटा किराया 2 लाख तक था। लेकिन इतना महंगा हेलीकॉप्टर लेने का भी कोई फ़ायदा नहीं हुआ है।