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अगर हिमाचल में स्कूल खुले तो ये है सरकार का ‘माइक्रो प्लान’ !

डेस्क |

हिमाचल प्रदेश में स्कूल खोलने की तैयारियां कर ली गई हैं। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि स्कूल खोलने की तैयारियां कर ली जाएं उसके लिए पूरा प्लान भी तैयार कर लिया जाए। इस आदेश को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक माइक्रो प्लान तैयार किया है।

शिक्षा विभाग 24 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में स्कूल खोलने के माइक्रो प्लान की प्रजेंटेशन देगा। जिसके बाद कैबिनेट इस प्लान को लेकर चर्चा कर स्कूल खोलने का फैसला लेगी। शिक्षा विभाग ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खोलने का माइक्रो प्लान तैयार किया है। कैबिनेट ने अगर 8वीं कक्षा को भी शुरू करने की इजाजत दी तो विभाग उसके लिए भी तैयार है।

बताया जा रहा है कि माइक्रो प्लान के तहत जिन स्कूलों में एक कक्षा में ज्यादा बच्चे होंगे वहां दो शिफ्टों में क्लास लगेगी। कक्षा में केवल छात्रों की 50 प्रतिशत की ही आक्यूपेंसी तय की गई है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाचार्यों को एसओपी का सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए हैं। अगर किसी स्कूल में नियमों की अवहेलना होती है तो संबंधित स्कूल प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी।

इसके साथ ही अगर किसी स्कूल में एक साथ कई बच्चे या टीचर कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो स्कूल को एक हफ्ते बंद रखा जाएगा। अगर किसी कक्षा में बच्चा पॉजिटिव पाया जाता है तो उस कक्षा को 48 घंटे के लिए बंद रखा जाएगा। स्कूल परिसर में भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए विद्यार्थियों के आने-जाने के समय में 10 से 15 मिनट का अंतर रखा जाएगा। स्कूल आने-जाने का समय भी अलग-अलग होगा।

स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वो लंच ब्रेक का समय भी अलग तय करें। क्लास का टाइम टेबल और सिटिंग प्लान भी नए सिरे से तय होगा। कक्षा 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक-एक सीट छोड़कर बैठाया जाए जिससे शारीरिक दूरी के नियमों की पालना हो सके। स्कूलों में एंट्री और एग्जिट प्वांइट अलग-अलग होगा। अगर किसी भी छात्र या स्टाफ को खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण आते हैं तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

वहीं शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का कहना है कैबिनेट की बैठक में स्कूलों को खोलने पर चर्चा की जाएगी और विचार विमर्श करने के बाद ही स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते काफी समय से स्कूल बंद है और अब स्कूल खुलने चाहिए ताकि बच्चे स्कूल में जा कर पढ़ाई करे। कितनी कक्षाओं के स्कूल खुलने हैं इस पर कैबिनेट में ही फैसला लिया जाएगा।