देश के मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री पर फिलहाल विराम लग गया है. अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों तक उनकी कांग्रेस में एंट्री को लेकर ‘नो सिग्नल’ लागू है. दरअसल, यह जानकारी कांग्रेस और गांधी परिवार को काफी नजदीक से जानने वाले जाने-माने पत्रकार राशिद किदवई ने दी है. ‘इंडिया टुडे’ में छपे एक लेख ‘Prashant Kishor’s induction into Congress ‘on hold’ till next year’s five assembly polls’ में किदवई ने पीके यानी प्रशांत किशोर की एंट्री पर चल रही कश्मकश को साफ किया है.
उन्होंने बताया है कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पीके ने कई बैठकें की हैं. लेकिन, इस बात पर गांधी परिवार ने सहमति दी कि पांच राज्यों के नतीजे को लेकर पीके कसौटी पर नहीं रहेंगे. राशिद किदवई अपने लेख में लिखते हैं, “कथित तौर पर सोनिया और प्रियंका गांधी की राय थी कि प्रशांक किशोर को पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर के नतीजों से नहीं आंका जाना चाहिए. हैरान करने वाली बात ये है कि पीके के पार्टी में प्रवेश को टालने के लिए ‘आपसी समझौता’ कांग्रेस की ओर से सर्वसम्मति से नहीं लिया गया.”
इस लेख में किदवई राहुल गांधी का हवाला देते हुए बताते हैं कि राहुल नहीं चाहते थे कि पांच राज्यों के नतीजों की कसौटी पर लोग पीके को रखें. क्योंकि, वो पीके को कांग्रेस के लिए आने वाले दिनों में बड़े तुरुप के पत्ते के तौर पर देख रहे हैं. गांधी परिवार नहीं चाहता कि अगले साल होने वाले चुनावी डेंट से पीके की छवि धूमिल हो. इस दौरान किदवई ने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने में पीके के हाथ होने की अटकलों को भी खारिज किया है. उन्होंने बताया है कि बतौर सीएम चरणजीत चन्नी का नाम मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे बढ़ाया और राहुल गांधी ने इस पर मुहर लगा दी.
लेख में किदवई ने साफ किया है कि पीके की एंट्री कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 को ख्याल में रखते हुए तय कर रही है. इसको लेकर प्रशांत किशोर और गांधी परिवार की तीकड़ी सोनिया, प्रियंका और राहुल में सहमति भी बन चुकी है. पीके ने इस बीच सोनिया गांधी को कांग्रेस में बड़े बदलाव का सुझाव भी दिया है. जिसमें, कैडर तक पहुंच, सांगठनिक बदलाव, चुनावी फंडिंग और टिकट बंटवारा समेत कई मुद्दे शामिल रहे. हालांकि, पीके की एंट्री का एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अंबिका सोनी सरीखे ने नेता स्वागत किया है. लेकिन, एक बड़ी संख्या में कांग्रेस के ओल्डगार्ड भीतरखाने मुखालफत कर रहे हैं. पीके को पुराने स्थापित कांग्रेस संदिग्ध नजरिए से देख रहे हैं और उन्हें टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का खासमखास समझ रहे हैं.