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कैप्टन के बाद कांग्रेस से ‘आजाद’ होंगे गुलाम? J&K में क्यों बढ़ी हलचल?

डेस्क |

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद आने वाले चुनावों को लेकर जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक जनसभाएं कर रहे हैं. जनसभा के दौरान अपने भाषण में आजाद कांग्रेस की आलोचना करते नजर आ रहे हैं. बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए आजाद ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही अनुच्छेद 370 के फैसले को उलट सकता है या फिर कांग्रेस को 300 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आना होगा. लेकिन 2024 में होने वाले चुनावों में कांग्रेस 300 सीटों के साथ सत्ता में आती नजर नहीं आ रही है.

संसद में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के अपने कड़े विरोध के बाद उन्होंने कहा कि उनकी एकमात्र मांग राज्य की बहाली और विधानसभा चुनाव कराने की है. आजाद की जनसभाओं में जुटने वाली भारी भीड़ ने पर्यवेक्षकों को भी चौंका दिया. आजाद करीब 4 दशकों से राज्यसभा सांसद हैं और आखिरी बार उन्होंने 2014 में जम्मू की उधमपुर सीट से चुनाव लड़ा था, जहां बीजेपी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद के करीब 20 वफादारों ने पिछले दो हफ्तों में अपनी पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया है. अपने त्यागपत्रों में नेताओं ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने सहित कांग्रेस में व्यापक बदलाव के बारे में सवाल उठाया है.

सवाल ये है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चलेंगे गुलाम नबी आजाद? क्या गुलाम नबी आजाद कैप्टन की तरह नई पार्टी बनाने की सोच रहे हैं? अगर ऐसा है तो कांग्रेस के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी है.