केंद्र सरकार बजट सत्र में राष्ट्रीय बैंकों के लिए बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल यानी बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने वाली है। इस बिल के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर विरोध करने जा रही है। बिल के विरोध में देशभर के बैंकों में 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल रहेगी। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने भी बैंक यूनियनों के विरोध को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार पर सुनियोजित ढंग से बैंकों का निजीकरण करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर राष्ट्रीय बैंक का निजीकरण करने जा रही है। सरकारी योजनाओं का पैसा निजी बैंकों के माध्यम से लाभर्थियों तक पहुंचाया जा रहा है जिससे सरकारी बैंक घाटे में चल रहे हैं।
राठौर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि केंद्र और प्रदेश की सरकारी योजनाओं का कितना पैसा सरकारी बैंक में है और कितना पैसा निजी बैंक में आता है। कांग्रेस पार्टी बैंकों के निजीकरण की निंदा करती है।
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश किए बजट में बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान किया था। अब सरकार ने तेजी से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने की भी तैयारी की जा रही है। इस विधेयक के जरिए सरकार बैंकों का निजीकरण कर इनमें अपनी न्यूनतम हिस्सेदारी घटाकर 26 फीसदी कर सकती है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में दो दिन की देशव्यापी हड़ताल की जायेगी। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस नौ सरकारी बैंकों के यूनियन का संयुक्त मंच है।