सदन में पर्यटन विभाग की संपत्तियों को बेचने के आरोपों पर मंत्री राकेश पठानिया ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग की कोई भी संपत्ति सरकार द्वारा बेची नहीं गई है। विभाग की संपत्तियों के बेहतर रखरखाव और संचालन की दृष्टि से सरकार द्वारा इन्हें केवल लीज पर देने का निर्णय लिया गया है। मंडी के कन्वेंशन सेंटर को 10 साल, कल्चर सेंटर जंजैहली को 15 साल और कल्चर सेंटर बड़ागांव (मनाली) को 16 साल जबकि कन्वेंशन सेंटर क्यारीघाट को 10 साल की अवधि के लिए लीज पर दिया जाना है।
वन मंत्री ने कहा कि फाइनेंसियल बिड के प्रावधान के आधार पर इन सम्पतियों में कन्वेंशन सेंटर मंडी को 25 लाख रुपए, कल्चर सेंटर जंजैहली को 17.52 लाख, कल्चरल सेंटर बड़ागांव (मनाली) को डेढ़ करोड़ वार्षिक राशि के आधार पर लीज पर दिया जाना है। इसके अतिरिक्त कॉन्सेशन फीस में प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत बढ़ोतरी का भी प्रावधान है। इन संपत्तियों को लीज पर देने से प्रदेश एक विशेष टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरकर विश्व के पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा। इससे जहां प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी वहीं प्रदेश की आर्थिकी को भी बल मिलेगा।
राकेश पठानिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष के साथी सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के साथी सदन के संचालन में बार-बार बाधा पहुंचाकर सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचा रहे हैं, वहीं लोगों के हित में लिए जाने वाले कई महत्वपूर्ण फैसलों में भी रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, राकेश पठानिया ने आज तपोवन में युवा कांग्रेस की रैली को पूरी तरह से फ्लॉप शो करार दिया है ।