हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार और उसके अफसरों को कोर्ट को पूरी जानकारी प्रदान नहीं करने पर फटकार लगाई है। साथ में ही चेतावनी भी दी है कि अगर कोर्ट को आगे से पूरी जानकारी नहीं दी गई तो वे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही करेगी।
ये फटकार जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सी.बी. बारोवालिया की खंड पीठ ने दी। कोर्ट ने ये टिप्पणी सरकारी स्कूल के एक शिक्षक की सुनवाई के समय दी। शिक्षक ने दावा किया था कि चम्बा के बरेनी के गवर्मेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जगह खाली होने के बावजूद उसकी बदली कर दी गई। शिक्षक ने दावा किया कि उसका तबादला स्थानीय विधायक के कहने पर किया गया है।
इस मामले में कोर्ट ने जब शिक्षा विभाग से जवाब मांगा तो विभाग के निदेशक ने तबादले की जानकारी की जगह शिक्षक के कामकाज की जानकारी कोर्ट को दे दी। इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि सराकरी विभाग बार बार कोर्ट को अंधेरे में रखने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि जो आदेश दिए जाते हैं उन्हें सरकारी विभाग, खास कर शिक्षा विभाग, पूरी तरह नहीं मान रहा है।
कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि जानकारी छुपाने का काम अभी भी किया जा रहा है और इस रवैये को खत्म करने की जरूरत है। अगर ये ऐसा ही चलता रहा तो कोर्ट को अफसरों की अवमानना की कार्यवाही करनी पड़ेगी।
पीठ ने कहा कि राज्य से उम्मीद की जाती है कि वे सबके लिए मॉडल स्वामी के रूप में काम करे। राज्य सरकार बिना किसी पक्षपात के जनता के लिए काम करे।