Follow Us:

हिमाचल की बेटियां पढ़ाई और खेल में लड़कों से आगे

समाचार फर्स्ट |

पूरे देश में हिमाचल का नाम साक्षरता दर में सबसे ऊपर की लिस्ट में शुमार है। हिमाचल में जहां साक्षरता दर बढञ रही है। वहीं हिमाचल की बेटियां लगातार सफलता के आसमान चूम रही हैं। बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है। हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढऩे की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है।

कॉलेज गोइंग गर्ल्ज की संख्या बढ़ी

प्रदेश में कॉलेज गोइंग गर्ल्ज की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस रेस में प्रदेश की गर्ल्ज, बोएज से आगे है। पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस दौरान लडक़ों की बजाय लड़कियों ने कॉलेज में शिक्षा के लिए अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई।

वर्ष 2012-2013 में कॉलेज में लड़कियों के दाखिले का आंकड़ा 43 हजार, 683 रहा, जबकि लडक़ों ने इसी अवधि में 24 हजार 385 की संख्या में दाखिला लिया। इसी तरह वर्ष 2013-2014 में 20 हजार 932 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 43 हजार, 806 रही। यही स्थिति अगले शैक्षणिक सत्र में रही। वर्ष 2014-2015 में 46 हजार, 023 लड़कियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया।

वहीं, इस अवधि में कॉलेज पहुंचने वाले लड़कों की संख्या 42 हजार, 220 रही। वर्ष 2015-2016 में लड़कियों ने रिकार्ड तोड़ संख्या में कॉलेज में दाखिला लिया। इस साल कॉलेज गोईंग गर्ल्ज का आंकड़ा 58 हजार, 805 रहा। इसी दौरान लडक़ों की संख्या 39 हजार, 466 रही। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 67 हजार, 688 लड़कियों ने कॉलेज में दाखिला लिया, जबकि लड़कों की संख्या 47 हजार, 041 रही।

इससे साफ संकेत है कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। प्रदेश में नब्बे से अधिक सरकारी कॉलेजों की संख्या होने के कारण भी घर के समीप ही उच्च शिक्षा मिल रही है। साधनहीन परिवारों की बेटियों को निशुल्क उच्च शिक्षा मिल रही है।

खेल में भी बेटियां आगे

खेल जगत में भी आकाश चूम रही बेटियां हिमाचल में न केवल बेटियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ी हैं, बल्कि खेल जगत में भी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। हाल ही में कुल्लू जिला की बेटी आंचल ठाकुर ने स्कीइंग में विश्व स्तर पर मेडल जीता। इससे पहले एशियन कबड्डी चैंपियनशिप में राज्य की बेटियां सम्मान अर्जित कर चुकी हैं। प्रियंका नेगी व कविता ठाकुर कब्ड्डी की चमकती स्टार हैं। इसके अलावा ताइक्वांडो में जयवंती और कुश्ती में रानी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। क्रिकेट में सुषमा वर्मा जाना-पहचाना नाम है। इससे साबित होता है कि बेटियां न केवल पढ़ाई में बल्कि खेल में भी चमकदार सफलताएं हासिल कर रही हैं।