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सीएम के गृह क्षेत्र में महिला सुरक्षा के दावों की खुली पोल, रात भर दहशत में रही महिला

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हिमाचल में गुड़िया हेल्पलाइन नंबर और महिला अपराध पर 24 घंटे में कारवाई के मामले में प्रदेश सरकार की पोल खुल गई है। सीएम के अपने ही गृहक्षेत्र में इन दावों को झूठला दिया। मीडिया खबर के मुताबिक, प्रदेश के सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली में थाने से महज एक किलोमीटर दूर अस्पताल से एक नर्स पूरी रात मदद मांगती रही पर पुलिस नहीं पहुंची।

महिला कर्मचारी ने लैंडलाइन, 100 नंबर पर कॉल, निर्भया हेल्पलाइन पर संपर्क किया पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। बता दें 14 जनवरी की रात को 4 दोस्त चोटिल मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचें थे। लेकिन सही इलाज पर असंतोष जताते हुए उन्होंने हंगामा कर दिया।

बताया जा रहा है कि उन्होंने उद्घाटन पट्टिका उखाड़ने की कोशिश करने के साथ उन्होंने अस्पताल जलाने की धमकी तक दे दी। अस्पताल में मौजूद डरी सहमी नर्स रात को पुलिस से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन उसे सहायता नहीं मिली।

रात को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग

15 जनवरी को सुबह तक पुलिस की सहायता नहीं मिलने पर महिला कर्मी ने ड्यूटी रजिस्टर पर आपबीती दर्ज की और चिकित्सा अधिकारी (इंचार्ज) से नाइट ड्यूटी के वक्त सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की। साथ ही तब तक नाइट ड्यूटी देने से भी इनकार कर दिया, जब तक पूरा स्टाफ मुहैया नहीं होता। उधर, पुलिस कार्रवाई करने का तर्क दे रही है, परंतु फोन आने के बावजूद मौके पर न पहुंचने के सवाल पर पुलिस खामोश है।

क्या हुआ उस रात

डायरी में वार्ड सिस्टर को संबोधित करते हुए नर्स ने लिखा है – रात को 12 बजे एक मरीज को चार लड़के लाए। सभी ने शराब पी रखी थी। मरीज के मुंह पर कट थे। मैंने पट्टी लगाकर उन्हें 108 में टांके लगवाने और डॉक्टर न होने के कारण एमएलसी करवाने के लिए भेजा। उन्होंने मुझे और चौकीदार अजय को बहुत तंग किया। 108 एंबुलेंस भी आ गई। उसके फार्मासिस्ट और  ड्राइवर को धमकियां दी गईं। वे अस्पताल की उद्घाटन पट्टिका उखाड़ने लगे।

22 बार किया फोन

22 बार फोन किया, लेकिन नहीं लगा। इमरजेंसी नंबर 100 पर 27 बार कॉल की। जब 100 नंबर लगा तो वहां से जवाब मिला हम सुंदरनगर वाले हैं। आप जंजैहली थाना में फोन करो, हम कुछ नहीं कर सकते। फिर 01905 235536 पर दो बार फोन किया, परंतु नहीं उठाया।

जंजैहली या थुनाग में उपचार चाहते थे मरीज

बताया जा रहा है कि मरीज चाहते थे कि उनका उपचार जंजैहली या थुनाग में हो, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। चिकित्सक के कहने पर प्राथमिक उपचार के बाद नर्स ने 108 एंबुलेंस को बुलाया और 28 किमी दूर बगस्याड़ स्वास्थ्य केंद्र में टांके लगाने के लिए मामला रेफर किया, लेकिन मरीज के साथी जिद करने लगे कि उन्हें वापस भी 108 एंबुलेंस में ही लाया जाए। इसी बात पर हंगामा किया।

नियमानुसार हो रही कार्रवाई: डीएसपी

डीएसपी रामकरण ने कहा कि एसएचओ जंजैहली से जानकारी ली गई है। जंजैहली थाना में महज एक बार फोन आया है और कॉल रिसीव हुई है। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला बनता है। मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट की अनुमति चाहिए। दोनों पक्षों को थाने में बुलाया है। मामले में नियमानुसार कार्रवाई हो रही है। जब उनसे पूछा गया कि फोन करने पर पुलिस क्यों नहीं पहुंची, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी।

व्यक्तिगत रूप से देखूंगा मामला: परमार

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा है कि वह इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखेंगे। अगर किसी महिला कर्मचारी से दुर्व्यवहार हुआ है तो यह गंभीर मामला है। पुलिस ने भी अगर इस मामले पर गौर नहीं किया है तो भी इसे देखा जाएगा। इस पर वाजिब कार्रवाई की जाएगी।

मामले की होगी जांच, कोताही पर होंगे सस्पेंड

एसपी मंडी अशोक कुमार ने कहा कि मामले में जांच होगी। अगर कोताही हुई तो सस्पेंशन की कार्रवाई होगी। बेशक दोनो पक्षों में समझौता हो गया है लेकिन फोन करने के बावजूद तुरंत महिला स्टाफ को मौके पर पुलिस सहायता न मिलना गंभीर और जांच का विषय है।

दोनों पक्षों में समझौता: सुनील

थाना प्रभारी जंजैहली सुनील कुमार का कहना है कि सोमवार शाम को शिकायत मिलने के बाद दोनो पक्षों को थाने में तलब किया गया। पहली छानबीन करने के बाद दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था।

शाम करीब पांच बजे दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। उधर, डॉक्टर दूनी चंद ने कहा कि स्टाफ नर्स की शिकायत एमओ इंचार्ज को भेज दी गई है। आगामी कार्रवाई वही करेंगे। सुरक्षा के लिए भी मांग की जाएगी।