गुरुवार सुबह भारत ने अपनी सबसे एडवांस्ड अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम ये मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी है। इसे डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर बनाया है। अग्नि प्रोजेक्ट की कमान संभालने वाली डीआरडीओ की महिला वैज्ञानिक और अग्नि प्रोग्राम की प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर टेसी थॉमस की टीम ने इस मिसाइल को तैयार किया है।
अग्नि-5 को अब तक की सबसे एडवांस्ड मिसाइल माना जा रहा है। इस मिसाइल में रिंग लेसर गायरो बेस्ड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम (रिन्स) और अत्याधुनिक आर सटीक माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (मिंस) तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इससे मिसाइल को लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने में मदद मिलती है। इस मिसाइल का निशाना इतना सटीक है कि यह 10 से 80 मीटर के दायरे में रखे गए किसी भी लक्ष्य को कई हजार किलोमीटर दूर से बिल्कुल सटीक निशाना बना सकती है।
भारत ने अब तक अग्नि-5 के 5 सफल परीक्षण कर लिए हैं। अग्नि-5 का सबसे पहला परीक्षण 19 अप्रैल, 2012 को हुआ था। इसके बाद 15 सितंबर, 2013 को दूसरा, 31 जनवरी, 2015 को तीसरा, 26 दिसंबर, 2016 को चौथा और 18 जनवरी, 2017 को इसका पांचवा परीक्षण किया गया।
अग्नि-5 में क्या है खास
- 5,000 किलोमीटर तक मारक क्षमता
- 1.5 टन परमाणु बम ले जाने में सक्षम
- 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी
- करीब 50,000 टन है वजन
- मैक-24 यानि 29,635 किमी प्रति घंटे की घातक रफ्तार
- 10-80 मीटर के दायरे में सटीक निशाना लगाने की ताकत