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यूपी में टूटेगा 70 साल का इतिहास, योगी आदित्यनाथ तोड़ेंगे कई रिकॉर्ड!

डेस्क |

अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह एक नया इतिहास होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे. इसके साथ कई मिथक भी टूटेंगे. 18 साल में यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ा. इससे पहले 2003 में सीएम रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा था. इस बार सीएम योगी गोरखपुर से चुनावी मैदान में हैं.

भाजपा की जीत के बाद यह तय है कि योगी आदित्यनाथ ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. अगर ऐसा होता है तो देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई मुख्यमंत्री अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता पर काबिज होगा.

प्रदेश के 70 साल के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ है. यह अलग बात है कि यूपी में ऐसे कई मुख्यमंत्री हुए, जो दोबारा सत्ता में आए, लेकिन उनमें से किसी ने पहले 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया था. इनमें संपूर्णानंद, चंद्र भानू गुप्ता से लेकर हेमवती नंदन बहुगुणा तक के नाम शामिल हैं. ये सभी मुख्यमंत्री रहते हुए दोबारा सत्ता में काबिज हुए, लेकिन किसी का पहला कार्यकाल एक साल का था तो किसी का दो या तीन साल का.

2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे. अब वह 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. अब एक बार फिर उनके सत्ता में वापसी के आसार हैं. अगर वह सफल होते हैं तो वह न सिर्फ 1985 के बाद ऐसे पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो अपनी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता दिलाएंगे.

उत्तर प्रदेश के इतिहास में योगी ऐसे पहले मुख्यमंत्री और राजनेता होंगे, जिनके नेतृत्व में विधानसभा का निर्धारित 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कोई दल फिर सत्ता में वापसी करेगा. अगर वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं तो लगातार 5 साल पूरा करने के बाद दूसरी बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले भी पहले नेता होंगे.