शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी भारत को मिल गई है। यह प्रतियोगिता पहले रूस में होनी थी, लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते यह मेजबानी भारत को दी गई है। यह प्रतियोगिता जुलाई या अगस्त महीने में करवाई जा सकती है। हिमाचल प्रदेश राज्य शतरंज संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कंबोज ने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण आयोजन स्थल को बदला गया है। अब भारत को इसकी मेजबानी मिली है।
तमिलनाडु में प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इस उपलब्धि का श्रेय अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष संजय कपूर और महासचिव भरत सिंह को जाता है। प्रतियोगिता में लगभग 180 देशों के करीब 2500 चेस मास्टर हिस्सा लेंगे। कंबोज ने कहा कि पहले एक साथ इतने देशों ने भारत में किसी भी खेलकूद स्पर्धा में भाग नहीं लिया है।
शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी भारतो को मिलने पर महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने कहा कि यह चेन्नई और देश के शतरंज जगत के लिए गौरवपूर्ण लम्हा है कि तमिलनाडु की राजधानी को इस साल होने वाले शतरंज ओलिंपियाड की मेजबानी के लिए चुना गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन 26 जुलाई से आठ अगस्त के बीच किया जाना था।
चेन्नई को पहली बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी का अधिकार मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्विटर पर इसकी स्वयं घोषणा की थी। स्टालिन के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद ने लिखा, ‘चेन्नई को शतरंज का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद। भारतीय और चेन्नई के शतरंज समुदाय के लिए गौरवपूर्ण लम्हा। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ और फिडे ने इतने आराम से साथ मिलकर काम किया जिसकी सराहना होनी चाहिए।’ आनंद ने फिडे को पत्र भी लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि यह गर्व की बात है कि देश शतरंज की शीर्ष प्रतियोगिताओं में से एक की मेजबानी कर रहा है।