Follow Us:

मंडी: करसोग की महिमा गुप्ता ने अमेरिका में मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा

बीरबल शर्मा |

प्रतिभा के विस्तार और विशालता की कोई सीमा नहीं होती है। उपलब्धियां प्रतिभा और परिश्रम के संयोजन से सुलभ होती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया में मंडी जिला के करसोग से तालुख रखने वाली महिमा गुप्ता ने। महिमा गुप्ता एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की छात्रा है। जो वर्तमान में नोएडा के बीआईएस रिसर्च नामक कंपनी में एयरोस्पेस और डिफैन्स विभाग में कार्य करती है।

दरअसल अमेरिकन इन्सिट्यूट ऑफ एयरोनाटिक्स एण्ड ऐस्ट्रोनाटिक्स नामक अमेरिका के सरकारी संस्थान ने एक लघु कॉन्फ्रेंस रखी थी। जिसमें महिमा गुप्ता ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाक्टर हैनरी गैरेट ने भी भाग लिया। हैनरी गैरेट नासा के विख्यात वैज्ञानिक हैं जिनका अमेरिका के मंगल मिशन में अहम योगदान रहा है। इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में महिमा का चयन उसके प्रोजेक्ट के माध्यम से हुआ।

महिमा के प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण अंतर्वस्तु के चलते वैज्ञानिक हैनरी गैरेट ने महिमा के प्रोजेक्ट के साथ परिचय और चित्र को अमेरिकन इन्सटिट्यूट ऑफ एयरोनाटिक्स एण्ड ऐस्ट्रोनाटिक्स की प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित किया। महिमा गुप्ता की इस उपलब्धि से माता-पिता और परिवार ही नहीं अपितु समस्त करसोग, हिमाचल प्रदेश व देशवासी गौरवान्वित हैं। माता-पिता और परिजन बेटी की इस उपलब्धि को उसकी लग्न व मेहनत का परिणाम मानते हैं। महिमा गुप्ता ने अपने शोधपरक प्रोजेक्ट से अपने देश का नाम तो रोशन किया ही है साथ ही साथ करसोग क्षेत्र के नाम को भी गौरवांवित किया है।

बता दें कि महिमा बीआईएस रिसर्च नाम की कंपनी में काम करती है। यह कम्पनी नोएडा में है। बीआईएस में “ऐयरो स्पेश और डिफैन्स” विभाग में महिमा की नियुक्ति हुई है और हाल ही में महिमा ने अपने विश्वविद्यालय जो कि “यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडिज” (यूपीईएस) है उससे वजीफा भी प्राप्त किया है। सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन के चलते महिमा ने कई शोधपत्र भी लिखे है। बड़े बड़े शोध प्रकाशक जैसे आईएसी इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकलकांग्रेस जेबीआईएस जर्नल ऑफ द ब्रिटिश इंटरप्लेनेटरी सोसाइटी (आईईईई) इत्यादि में महिमा के शोध पत्र प्रकाशित चर चुके हैं। इस सब का श्रेय महिमा अपने पिता जी भवनीश गुप्ता और माता जी निशा गुप्ता व गुरूजनों को देती है।

महिमा का कहना है कि मेरे माता- पिता जी ही मेरी सब से बड़ी प्रेरणा के स्त्रोत हैं। उन्हीं के दिखाए हुए मेहनत के मार्ग पर चलने का परिणाम ये सब उपलब्धियां हैं । महिमा के अनुसार पूरे परिवार ने मेरा हर कदम पर साथ दिया है। जिसके कारण ही आज महिमा यहां तक पहुंच पायी हैं। महिमा का मानना है कि गांव से आने वाली लड़कियां भी मेहनत करके कुछ भी हासिल कर सकती हैं। क्योंकि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है। अपनी झोली ज्ञान के लिए सदा फैलाए रखिए। ज्ञान आत्मविश्वास बढ़ाता है।