जिला ऊना के जोनल पशु अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने एक मादा तेंदुए की जान बचाकर उसको नया जीवन दिया। इस मादा तेंदए का गला 25 से 30 सेंटीमीटर तक कट चुका था। वन विभाग की टीम ने इस मादा तेंदुए को पकड़कर इलाज के लिए जोनल पशु अस्पताल ऊना लेकर आई। यहां डॉक्टर शिल्पा रनौत के नेतृत्व में डॉक्टर निशांत, डॉक्टर नेहा चौहान, फार्मासिस्ट रमेश चंद की टीम ने मादा तेंदुए की सफल शल्य चिकित्सा की।
इस बारे में जानकारी देते हुए जोनल पशु अस्पताल चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर निशांत ने बताया कि गगरेट क्षेत्र के कलोह गांव से एक मादा तेंदुआ वन विभाग द्वारा लाया गया था, जिसका गला लगभग एक फीट तक कट गया हुआ था। अब ये तेंदुआ ठीक है और उसे गोपालपुर में भेज दिया गया है।
वन विभाग के अधिकारी डिप्टी रेंजर ने बताया कि गगरेट के कलोह गांवों के निवासी दो महीने से विभाग के पास शिकायत कर रहे थे कि एक तेंदुआ पालतू पशुओं और जानवरों पर हमले कर रहा है। जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ था। तकरीबन दो महीने के बाद तेंदुआ विभाग की पकड़ में आया है। जिससे गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि तेंदुए का गला तार से कट गया था जिसका उपचार जोनल पशु हस्पताल में सफलतापूर्वक डॉक्टरों की टीम ने कर दिया है। इसे अब गोपालपुर भेजा जा रहा है।