मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को गृह मंत्रालय ने नामित आतंकवादी घोषित कर दिया है। मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, तल्हा लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ नेता और मौलवी विंग का प्रमुख था। तल्हा के खिलाफ यह कार्रवाई उस दिन की गई जब पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को भी 31 साल कारावास की सजा सुनाई है।
गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत तल्हा को आतंकी घोषित किया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, तल्हा सईद ‘सक्रिय रूप से भर्ती, धन जुटाने, योजना बनाने और भारत और अफगानिस्तान में भारत के हितों पर हमले योजना बनाने में शामिल था।’
अधिसूचना में आगे कहा गया है कि तल्हा सईद पाकिस्तान में LeT के केंद्रों का दौरा करता था और उपदेशों के दौरान भारत, इजरायल, अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद का प्रचार करता था। नोटिफिकेशन के अनुसार, ‘केंद्र सरकार का मानना है कि हाफिज तल्हा लईद आतंकवाद में शामिल था और हाफिज तल्हा सईद को कानून के तहत आतंकी अधिसूचित किया जाना चाहिए।’
खास बात है कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में UAPA में संशोधिन किए थे। इसके बाद कानून में प्रावधान को जोड़ा गया था, जिसके तहत किसी व्यक्ति को आतंकी नामित किया जा सकता था। इससे पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन के तौर पर नामित किया जा सकता था। संशोधन के बाद मंत्रालय ने 9 लोगों को UAPA एक्ट के प्रावधानों के तहत नामित आतंकी घोषित किया था।
वहीं, सितंबर 2019 में सरकार ने मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को नामित आतंकी घोषित किया था।