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झारखंड रोपवे हादसा: 45 घंटे हवा में फंसी रही 46 जिंदगी, देवदूत बने सेना के जवान

डेस्क |

झारखंड के देवघर जिला के त्रिकुट में सेना द्वारा चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन 46 घंटे बाद खत्म हो गया है। ITBP और वायू सेना के जवानों ने रोपवे पर फंसे 48 पर्यटकों में से 46 को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है। जबकि 2 पर्यटकों की रेस्क्यू के दौरान गिरने से मौत हो गई है। इस हादसे में अब तक 4 पर्यटकों की मौत हो गई है जबकि 12 पर्यटक घायल हुए हैं। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है।

बता दें कि रविवार को एक साथ कई ट्रॉलियों को श्रद्धालुओं के साथ रवाना कर दिया गया। इस दौरान अचानक रोपवे के केवल पर लोड बढ़ गया और एक रोलर टूट गया। रोलर टूटते ही तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं और उनमें से दो ट्रॉलियां लुढ़कर नीचे जा गिरी। ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कोई कुछ समझ पाता, कई श्रद्धालु ट्रॉलियों से जमीन पर गिर चुके थे। रोप वे की ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंस गई जिनमें 48 पर्यटकों की सांसे हवा में अटक गईं।

रविवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया। सोमवार को ट्रॉली में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाला और करीब 46 घंटें के लंबे रेसक्यू ऑपरेशन के बाद रोपवे में फंसे 48 पर्यटकों में से 46 को सुरक्षित निकाला। हालांकि दो पर्यटकों की रेस्क्यू के दौरान मौत हो गई। इसमें से एक युवक की सोमवार को रेस्क्यू के दौरान गिरने से मौत हो गई जबकि आज मंगलवार को भी एक महिला पर्यटक रेस्क्यू के दौरान जमीन पर नीचे गई । हादसे में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।