झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के बाद फंसे लोगों को निकालने के लिए चला ऑपरेशन समाप्त हो गया है। 40 घंटे तक चले इस मुश्किल और लंबे ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों की दर्दनाक मौत भी हो गई। यह हादसा ऐसा था, जिसके चलते लोगों की सांसें अटक गईं और वे जीवन और मौत के बीच फंसे हुए थे। इसी बीच भारतीय वायु सेना ने तीन लोगों की मौत पर दुख भी जताया है।
अपने एक बयान में भारतीय वायु सेना ने कहा है कि ऑपरेशन के दौरान लोगों की जान जाने का हमें गहरा अफसोस है। हमने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लोगों को बचाया है। हवा की ऐसी स्थिति में नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। प्रत्येक ट्रॉली पर पांच गरुड़ कमांडो चढ़ाया गया और सभी पर्यटकों को अलग-अलग बांधकर निकाला गया।
#IAF has recommenced rescue operations at Deoghar ropeway early morning today.
Efforts are on to rescue each and every stranded person at the earliest.#HarKaamDeshKeNaam pic.twitter.com/06PTraKHBC
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 12, 2022
इस अभियान के दौरान जिन तीन लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग तो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ही करीब 1,500 फीट की ऊंचाई से आ गिरे थे। वहीं एक शख्स बंगाल का था, जो हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू के दौरान नीचे गिर पड़ा था। हादसे के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों को इस बचाव अभियान में तैनात किया गया था। यह अभियान मंगलवार को दोपहर तक चला। हादसे के बाद फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाने-पीने की चीजें दी गई थीं।
यह हादसा रविवार को शाम 5 बजे देवघर के त्रिकूट में हुआ था, जब रोपवे पर दो केबल कार आपस में टकरा गई थीं। इसके चलते रोपवे का संचालन ही पूरी तरह से ठप हो गया और 70 लोग फंस गए।